APG शिमला विश्वविद्यालय में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

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By Hills Post

शिमला: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर आज APG शिमला विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 की थीम योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ के संकल्प को साकार करते हुए योग शिविर का आयोजन किया। कार्यक्रम में एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के सहित स्थानीय ग्रामीणों, हिमाचल प्रदेश गृह रक्षक ट्रेनिंग कमांड के गृह रक्षकों और एन.डी.आर.एफ. के जवानों ने योग शिविर में योगासन किए।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

कार्यक्रम का उद्देश्य शारीरिक श्रम से जुड़ी समस्याओं को कम करना, मानसिक तनाव को दूर करना और जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाना रहा। इस अवसर पर ज्योति राणा अतिरिक्त जिला मैजिस्ट्रेट शिमला ने योग शिविर में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की, जबकि आर्ट ऑफ लिविंग गुरु व योगाचार्य आदित्य सूद बतौर प्रशिक्षक शिविर में शामिल हुए।

कार्यक्रम की शुरुआत में ज्योति राणा द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलित से किया गया। एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान, कुलाधिपति इंजीनियर सुमन विक्रांत, और कुलसचिव प्रो. डॉ. आर. शर्मा ने मुख्य अतिथि ज्योति राणा और योगाचार्य आदित्य सूद को हिमाचली टोपी, शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत सम्मानित किया।

प्रतिकुलपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान ने शिविर में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में आज के दिन को योग दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। चौहान ने कहा कि योग वैदिक काल से भारतवर्ष में ऋषि-मुनियों द्वारा जीवन को निरोग और सुखमय बनाने के लिए योग-साधना के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है। चौहानआगे कहा कि भारत प्राचीन काल से ही विश्व में प्रथम योग प्रवर्तक रहा है और आज विश्व में योग का महत्व बढ़ रहा है और योग से जीवन को स्वस्थ और खुशहाल बनाने के लिए लोग योग को अपना रहे हैं।

योग शिविर में करीब 250 लोगों ने भाग लिया। आर्ट ऑफ लिविंग गुरु व योगाचार्य आदित्य सूद ने उपस्थित जान समूह को योग आसनों, प्राणायाम और ध्यान की योग क्रियाएं व योग मुद्राएं करवाई। योगाचार्य आदित्य सूद ने कहा कि योग कर हम अपने शरीर को स्वस्थ रखने का काम करें और सहयोग करके नशे की बुराईयों से दूर रहकर समाज और राष्ट्र को मजबूत बनाने का काम करें।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि अतिरिक्त ज़िला मैजिस्ट्रेट ज्योति राणा ने उपस्थित जान समूह को संबोधित करते हुए कहा कि योग न केवल शारीरिक फिटनेस का माध्यम है, बल्कि मानसिक शांति और ऊर्जा का स्रोत भी है। राणा ने कहा कि योग जीवन का अभिन्न अंग है। योग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। नियमित रूप से योग करके हम अनावश्यक बीमारियों से भी बच सकते हैं।

इस अवसर पर एपीजी शिमला विश्वविद्यालय के कुलाधिपति इंजीनियर सुमन विक्रांत, प्रति -कुलाधिपति प्रो. डॉ. रमेश चौहान, कुलसचिव प्रो. डॉ. आर.एल. शर्मा, विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. अश्विनी शर्मा, छात्र कल्याण की अधिष्ठाता डॉ. नीलम शर्मा, मीडिया प्रभारी डॉ. विजयश्री और अन्य संकायों के विभागाध्यक्षों ने भी योग साधकों के बीच बैठकर योग क्रियाएं की।

कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए कुलसचिव प्रो. डॉ. आर.एल. शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए मुख्य अतिथि ज्योति राणा, योगाचार्य आदित्य सूद, कार्यक्रम समन्वयक डॉ. नीलम शर्मा, डॉ. विजय श्री, विश्वविद्यालय प्रबंधन, प्रतिभागी विद्यार्थियों, शिक्षकों, कर्मचारियों, अधिकारियों, गृह रक्षकों और एनडीआरएफ के जवानों का धन्यवाद किया और योग को स्वस्थ जीवन के लिए अपनी दिनचर्या की जीवन शैली में शामिल करने का आग्रह किया।

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