नाहन : कांग्रेस की सरकार के लिए विधानसभा उपचुनाव का इम्तिहान लोकसभा से भी बड़ा होगा। हिमाचल प्रदेश में अभी कांग्रेस के 34, भाजपा के 25 और 3 निर्दलीय विधायक हैं। सुजानपुर, धर्मशाला ,कुटलैहड़, गगरेट, बड़सर और लाहौल-स्पीति विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस को भाजपा के साथ-साथ अपने ही पूर्व बागी विधायकों के समर्थकों का सामना करना पड़ सकता है ।
कांग्रेस को अपनी सरकार को बचाने के लिए उपचुनाव में कम से कम एक सीट जीतना जरूरी होगा । अगर कांग्रेस एक सीट जीत जाती है तो कांग्रेस का विधानसभा में आंकड़ा 35 हो जाएगा और इससे सरकार बहुमत में आ जाएगी। अगर कांग्रेस को उपचुनाव में किसी भी सीट पर जीत नहीं मिलती है तो इनके विधायकों की संख्या 34 ही रहेगी।
जबकि छह सीटें जीतने पर भाजपा के विधायकों की संख्या 25 से बढ़कर 31 हो जाएगी। जबकि तीनों निर्दलीय विधायकों का पक्ष भी भाजपा की तरफ ही दिख रहा है। ऐसे में यदि भाजपा सारी सीट जीतने में कामयाब हो जाए तो उनके और निर्दलीय मिलकर 34 विधायक हो जाएंगे। इस स्थिति में अगर कोंग्रेस सरकार को बहुमत साबित करना मुश्किल हो सकता है। क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष सिर्फ बराबरी के वोट पड़ने पर ही मतदान कर सकते हैं।