आगमन है आज बसन्त का
ऊंचे हिमाच्छादित शिखरों पर फैला आसमान हरे भरे देवदार के वृक्षों की शोभा मध्य में बहता प्रपात सर्द झोंको से शोभायमान हिलते डुलते पुष्पों से लदे वृक्षों की शोभा गुंजन करते भंवरे कली कली का करते रस पान आगमन है आज बसन्त का आगमन है आज बसन्त का ।