आधुनिकता या पिछडापन
आधुनिकता की दौड में मनुष्य खोता जा रहा अपना अस्तित्व, पहचान | सिमटता और शायद सिंकुडता जा रहा कुछ एक उपकरणों का साथ लेकर | भूल गया, चैन से जीना, चौपाल की मस्ती, चिट्ठी का मजा, चुल्हे की रोटी, पीपल की छांव, कबड्डी का खेल, शादी के गीत, विछोह के आंसू | मैं इसे क्या ...