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छात्रवृत्ति के लिए अब बायोमैट्रिक आधार प्रमाणीकरण जरूरी: कौंडल

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सोलन: हिमाचल प्रदेश में छात्रवृत्ति लेने के लिए नियम और सख्त हो गए हैं । अब लाभार्थी विद्यार्थियों के साथ-साथ छात्रवृत्ति के आवेदन सत्यापित करने वाले अधिकारियों के भी बायोमेट्रिक आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य कर दिए हैं। अल्पसंख्यक मंत्रालय की छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए प्रदेश में नई व्यवस्था लागू हुई है। छात्रवृत्ति योजनाओं में होने वाले घोटालों से बचने के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय ने आवेदनों को सत्यापित करने की प्रक्रिया में बदलाव किया है।

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अब लाभार्थी विद्यार्थियों सहित आवेदनों को सत्यापित करने वाले जिला नोडल अधिकारियों और शिक्षण संस्थान प्रमुखों का भी बायोमेट्रिक आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य कर दिया गया है। राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर वही अधिकारी लॉग-इन कर सकेगा जिसका बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण हुआ होगा।

सोलन केसीएससी के जिला प्रबंधक सुशील कौंडल ने बताया कि पहले चरण में जिला के नोडल अधिकारी, संस्थान के नोडल अधिकारी व शिक्षण संस्थान प्रमुखों का बायोमेट्रिक आधार प्रमाणीकरण सी.एस.सी. के माध्यम से पूरा हो चुका है। इसके लिए उन्होंने सीएससी संचालकों का भी आभार व्यक्त किया जिन्होंने इतने कम समय में इस प्रक्रिया को पूरा करने में सहयोग दिया। उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में अब  10 अगस्त यानि वीरवार से विद्यार्थियों का भी बायोमेट्रिक आधार प्रमाणीकरण शुरू होगा जो कि सी.एस.सी. के माध्यम से ही किया जा रहा है।   

उन्होंने जिला नोडल अधिकारी, संस्थान नोडल अधिकारी व शिक्षण संस्थान प्रमुखों से आग्रह किया है कि वे सभी लाभार्थी विद्यार्थियों का बायोमेट्रिक आधार प्रमाणीकरण कराने में सहयोग करें क्योंकि इस प्रक्रिया को पूरा किए बिना संस्थान पर 2022-23 के आवेदन सत्यापित नहीं हो सकेंगे।