शिमला: डॉ. मनमोहन सिंह हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिप्पा) ने तीन भागों में संगोष्ठी श्रृंखला शुरू की है, जिसमें विभिन्न प्रतिभागी सहयोगात्मक चर्चाओं में भाग लेंगे। इस संगोष्ठी का उद्देश्य हिमाचल प्रदेश को सतत् विकास और आर्थिक वृद्धि के बीच संतुलन बनाते हुए इसके दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए नवीन समाधान खोजना है।
हिप्पा के प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि संस्थान द्वारा 22 से 24 मार्च, 2025 तक समृद्ध हिमाचल-2045 नामक तीन दिवसीय विचार-मंथन सत्र का आयोजन किया जाएगा। इसमें चयनित सात श्रेणियों के सभी प्रतिनिधि भाग लेंगे और चिन्हित क्षेत्रों पर व्यापक विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके उपरान्त संगोष्ठी के तीसरे चरण का आयोजन किया जाएगा।

संगोष्ठी श्रंृखला के तीसरे भाग के संचालन की प्रक्रिया तैयार करने के लिए सरकार और नागरिक भागीदारी पर विचार किया जाएगा। इसके अलावा हिमाचल को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए 20 वर्ष के विजन दस्तावेज का मसौदा जारी करने पर भी सरकार और नागरिक भागीदारी पर विचार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक और राजनीतिक सलाहकार भाग लेंगे।
उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी के लिए सलमान खुर्शीद, समीर सिसोदिया (सीईओ रेन मैटर फाउंडेशन), रजनी बख्शी (लेखक), राजीव बंदूनी (संस्थापक ओपन एआई), पद्मश्री नेक राम शर्मा, पी.डी. राय (पूर्व सांसद), आशा स्वरूप (पूर्व मुख्य सचिव हिमाचल प्रदेश), दीपक सानन (सेवानिवृत्त आईएएस) और राजीव मल्होत्रा (सेवानिवृत्त आईएएस) ने अपनी भागीदारी की पुष्टि की है। इसके अतिरिक्त सैम पित्रोदा के साथ एक विशेष ऑनलाइन सत्र की योजना भी बनाई गई है।