सोलन: भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (BSI) के उच्च ऊंचाई पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रीय केंद्र ने मंगलवार को विश्व ओजोन दिवस के अवसर पर एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। “विज्ञान से वैश्विक कार्रवाई तक” विषय पर आधारित इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूली बच्चों को ओजोन परत के महत्व के प्रति जागरूक करना था। इस मौके पर हिमाचल प्रदेश वन विभाग के पूर्व प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF), डॉ. वी.आर.आर. सिंह मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए वैज्ञानिक एवं कार्यालय प्रभारी डॉ. कुमार अम्बरीश ने अपने मुख्य भाषण में ओजोन परत के क्षरण और जैव विविधता पर इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि रेफ्रिजरेटर और एयर कंडीशनर जैसे उत्पादों से निकलने वाले लगभग 99 प्रतिशत रसायन ओजोन परत को नुकसान पहुंचाते हैं।

मुख्य अतिथि डॉ. वी.आर.आर. सिंह ने ओजोन परत को पृथ्वी की छतरी बताते हुए कहा कि यह सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों से हमारी रक्षा करती है। उन्होंने कहा कि यह प्राकृतिक कवच त्वचा कैंसर जैसी बीमारियों को रोकता है और हमारे पारिस्थितिकी तंत्र को बचाता है। हमें संसाधनों का सतत उपयोग करना चाहिए और दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग कम करना होगा।
इस अवसर पर एक अंतर-विद्यालय चित्रकला प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें आसपास के स्कूलों के 15 विद्यार्थियों ने भाग लिया। वैज्ञानिक-ई, डॉ. कुलदीप एस. डोगरा ने छात्रों को अपने आसपास के प्रदूषण को कम करने के लिए आगे आने के लिए प्रेरित किया।
प्रतियोगिता में समृद्धि ठाकुर, द गुड शेफर्ड स्कूल, धरजा को प्रथम पुरस्कार, ओशीन शर्मा, बाल भारती पब्लिक स्कूल, सोलन को द्वितीय पुरस्कार, आंचल ठाकुर, अरिहंत इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल, नौणी को तृतीय पुरस्कार तथा मानविक बधान (बाल भारती पब्लिक स्कूल) और ऋषिता मेहता (द गुड शेफर्ड स्कूल) को सांत्वना पुरस्कार दिया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी विजेता और प्रतिभागी छात्रों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।