नाहन : सीमावर्ती सिरमौर जिले में नशा तस्करी पर प्रहार के लिए पुलिस ने विशेष रणनीति तैयार की है। एडीजीपी जेपी सिंह ने नाहन में मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि नशे के खिलाफ जंग में अब संपत्ति जब्ती और जागरूकता अभियान को प्राथमिकता दी जाएगी।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जेपी सिंह ने हाल में सिरमौर पुलिस की एक बड़ी कामयाबी का जिक्र करते हुए बताया कि उत्तराखंड के दो नशा तस्करों से चिट्टा (हेरोइन) का बड़ा स्टॉक बरामद किया गया है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एडीजीपी स्वयं जिले के दौरे पर पहुंचे और पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर नई कार्ययोजना पर चर्चा की। उन्होंने निर्देश दिए कि नशा तस्करी को जड़ से खत्म करने के लिए विशेष टास्क फोर्स गठित की जाएगी और संदिग्धों पर सख्त कार्रवाई होगी ।

“नशा तस्करों को कड़ी सजा दिलाने के साथ-साथ उनकी अवैध संपत्तियों पर भी निशाना साधा जाएगा। इसके लिए आर्थिक अपराध शाखा की टीम लगातार जांच कर रही है।”
एडीजीपी ने बताया कि नशे के धंधे से अर्जित की गई संपत्तियों को एनडीपीएस एक्ट के तहत जब्त किया जाएगा। साथ ही, स्कूल-कॉलेजों में नशामुक्ति अभियान तेज किया जाएगा। छात्रों और उनके अभिभावकों को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराने के लिए विशेष कार्यशालाएं आयोजित होंगी। पुलिस का लक्ष्य है कि युवाओं को नशे की ओर बढ़ने से रोकने के लिए समुदाय को साथ लेकर चला जाए।
एडीजीपी के दौरे के बाद सिरमौर पुलिस ने नशा विरोधी मुहिम को और तेज कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि सीमावर्ती इलाकों में निगरानी बढ़ाने के साथ-साथ जनता की सहभागिता से इस समस्या पर नियंत्रण पाया जा सकता है।