शिमला: ऑल इंडिया गर्ल्स ट्रैकिंग एक्सपीडिशन के तीसरे दिन कैडेट्स को इंद्रूनाग ले जाया गया। इस आयोजन की शुरुआत कर्नल संजय शांडिल द्वारा की गई, जिन्होंने कैडेट्स को ट्रेकिंग के लिए रवाना होने से पूर्व ट्रैकिंग की बुनियादी जानकारी दी। कर्नल शांडिल ने कैडेट्स को ट्रेकिंग की व्यवस्थित योजना, तैयारियां, और अतिरिक्त आवश्यकताओं के बारे में जानकारी प्रदान की। उन्होंने स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए ट्रेक से पहले और उसके दौरान संतुलित आहार के महत्व पर भी जोर दिया।
कैडेट्स ने इंद्रुनाग मंदिर में पहुंच कर इंद्रुनाग का इतिहास जाना और प्राग्लाइडिंग साइट से पैराग्लाइडिंग होती हुई देखी। इस ट्रैक के दौरान कर्नल संजय शांडिल भी कैडेट्स के साथ मोजूद रहे। इसी दौरान बैच 2 का ओपनिंग एड्रेस हुआ, जिसमें सभी कैडेट्स, एनो, तथा जीसीआई को ट्रेकिंग कैप्स दी गईं। इसके बाद कैडेट्स को शहीद स्मारक और एचपीसीए (हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन) स्टेडियम ले जाया गया।
ट्रेकिंग से वापस आने के बाद, कर्नल संजय शांडिल ने कैडेट्स का हाल-चाल जाना और उनका हौसला बुलंद किया। संध्या के समय, कैंप में हेल्थ और हाइजीन के विषय में सीनियर रिसोर्स पर्सन, डॉ. अनुराधा द्वारा एक सेशन आयोजित किया गया। इस सेशन में कैडेट्स को एडोलिसेंट हेल्थ और हाइजीन के महत्व एवं लाभ बताए गए। कैडेट्स ने इस दौरान अपने प्रश्नों के उत्तर लिए और अपनी शंकाएं दूर कीं।
कार्यक्रम के साथ ही आपदा प्रबंधन विभाग के ट्रेनर, डॉ. भुल्लर ने कैडेट्स को कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) का डेमो दिया। सीपीआर एक आपातकालीन प्रक्रिया है जो किसी व्यक्ति की सांस या दिल के रुकने पर उसकी जान बचाने में मदद कर सकती है। डॉ. भुल्लर ने बताया कि इस प्रक्रिया के ज्ञान से हम किसी व्यक्ति के बचने की संभावना को दोगुना या तिगुना कर सकते हैं।
इस प्रकार, तीसरे दिन की गतिविधियों ने कैडेट्स को ट्रेकिंग, स्वास्थ्य, हाइजीन और आपदा प्रबंधन के महत्वपूर्ण पहलुओं से अवगत कराया, जिससे उनकी जानकारी और आत्मविश्वास में वृद्धि हुई ।