संवाददाता

SCERT सोलन में हुआ हिंदी प्रवक्ताओं का क्षमता संवर्धन  

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सोलन: एस.सी.ई.आर.टी. सोलन में हिंदी प्रवक्ताओं के लिय 6 दिवसीय क्षमता संवर्धन कार्यक्रम के समापन समारोह की अध्यक्षता SCERT सोलन के प्रिंसिपल प्रोफेसर हेमंत कुमार ने की। उन्होंने कहा कि हमने जो ज्ञान यहां प्राप्त किया है उसे विद्यार्थियों को देना है।

हिंदी प्रवक्ताओं

इस कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. राम गोपाल शर्मा ने बताया कि इसमें बिलासपुर, किन्नौर, शिमला, सिरमौर, सोलन व ऊना जिलों के 38  हिंदी प्रवक्ताओं ने भाग लिया। डॉ. शर्मा ने बताया कि पहले लगभग 50 शिक्षकों एवं विद्वानों से परामर्श  लिया और फिर एक स्वरुप तैयार कर उस विषय के आधिकारिक उपलब्ध विद्वानों को स्रोत व्यक्ति के लिए चुना।

 ये था  कार्यक्रम का उद्देश्य

एससीईआरटी सोलन समय-समय पर हिंदी तथा अन्य विषयों में सेवारत्त प्रवक्ताओं के लिए उनके व्यावसायिक क्षमता संवर्धन  के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम करवाती है। इससे कि उस विषय में नवीनतम शोध तथा जुड़ रहे आयामों का पता चल सकें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 शिक्षकों के निरंतर व्यवसायिक विकास की बात करती है। शैक्षिक परिदृश्य के बदलते स्वरूपों के साथ तालमेल बैठाना आज के प्रतिस्पर्धी समय में जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

 इन स्रोत व्यक्तियों ने रखे अपने विचार…

हिंदी साहित्य का इतिहास आदि काल एवं भक्तिकाल के विशेष सन्दर्भ पर डॉ.बलदेव ठाकुर, साहित्य और सृजनशीलता पर डॉ.अशोक गौतम, साहित्य,संस्कृति तथा भारतीय ज्ञान परंपरा : विविध आयाम एवं रचना धर्मिता में इसका समावेश पर डॉ.ओम प्रकाश शर्मा, लोक साहित्य  : हिमाचल विशेष के सन्दर्भ में डॉ.हेमा ठाकुर, विद्यार्थिओं में नशे की प्रवृति,उसकी रोकथाम और उपचार  पर डॉ.अजय सिंह, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020:   एक अवलोकन पर डॉ.जगदेव चंद शर्मा, भारतीय एवं पाश्चात्य भाषा विज्ञान: हिंदी  भाषा के सन्दर्भ में  पर डॉ.उत्तम चौहान, हिंदी पठन-पाठन में तकनीक/संगणक  की भूमिका एवं उसके लिए सहयोगी  डिजिटल  संसाधन  पर डॉ. देवेन्द्र शर्मा, हिंदी भाषा की विविध विधाएं :काव्य एवं गद्य  विशेष के सन्दर्भ पर डॉ.पान सिंह, हिंदी पत्रकारिता का इतिहास एवं अभिव्यक्ति के विभिन्न  माध्यम :जनसंचार के विशेष सन्दर्भों में  डॉ.बी.एस.पंवार, भारतीय एवं पाश्चात्य काव्य शास्त्र पर डॉ.आर.एन.मेहता, हिंदी व्याकरण : भाषायी सुदृढ़ता का मूल एवं हिमाचली भाषाएं : एक विश्लेष्ण पर विख्यात भाषाविद डॉ.कुमार सिंह सिसोदिया एवं सरकारी कर्मचारियों के लिए सेवा शर्तें एवं आचरण नियम पर  मधु पठानिया ने प्रतिभागियों से संवाद किया।

क्या कहना है प्रतिभागियों ने

प्रतिभागी प्रवक्ताओं में शामिल सोम प्रकाश शर्मा, डॉ. जयपाल ठाकुर, डॉ. देश राज, डॉ. संजीव कुमार, मामराज तोमर, रामकृष्ण राव, प्यारे राम, महिंद्र पठानिया, संगीता शर्मा, अंजली देवी, सवीना जहां,कांता देवी, विजय लक्ष्मी, रवि चंद  प्रवक्ताओं ने बताया कि कोर्स डिजाईन बहुत  प्रभावी व आज की आवश्यकता के अनुरूप था।  हिंदी में डिजिटल माध्यम कैसे प्रयोग हो निरंतर उसकी जानकारी दी गई। जनसंचार के सबसे प्रिय माध्यम रेडियो की व्यवहारिक जानकारी वाला भाग बहुत ही रोमांचक रहा। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की बड़ी उपलब्धि सृजनात्मक साहित्य के प्रति प्रवृत होना रही।