गुरुकुल इंटरनेशनल स्कूल सोलन में CBSE कार्यशाला का सफल आयोजन

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By Hills Post

सोलन: गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सोलन में आज केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के तत्वावधान में “प्रेरणादायक STEM शिक्षकों के माध्यम से अनुभवात्मक शिक्षा” विषय पर एक कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में जिला के विभिन्न प्रतिष्ठित विद्यालयों से आए शिक्षकों ने रसायन, जीवविज्ञान, गणित, कंप्यूटर, इतिहास, विज्ञान तथा अंग्रेज़ी भाषा जैसे विषयों को STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियान्त्रिकी एवं गणित) के परिप्रेक्ष्य में जोड़ते हुए अपने शोधपत्र प्रस्तुत किए।

प्रस्तुतकर्ताओं में गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सोलन से आठ अध्यापक शामिल रहे: श्रीमती नेहा वर्मा (पी.जी.टी. रसायन), सुश्री सारिका गुलेरिया (टीजीटी विज्ञान), श्रीमती ज्योति चौधरी (पीजीटी जीवविज्ञान), श्रीमती कुसुम (पीजीटी गणित), यश पुनिया (टीजीटी कंप्यूटर, बाल भारती पब्लिक स्कूल सोलन), सुश्री प्रियंका (पीजीटी इतिहास), सुश्री हर्षा (टीजीटी गणित), श्रीमती अंशु पांटा (पीजीटी अंग्रेज़ी) और उज्ज्वल वालिया (पीजीटी अर्थशास्त्र)। इन सभी प्रस्तुतकर्ताओं ने यह प्रभावी रूप से दर्शाया कि कैसे कक्षा कक्ष की सीमाओं से बाहर निकलकर छात्रों को प्रयोग आधारित, परियोजना आधारित, अंतर्विषयक एवं अनुभवात्मक शिक्षण प्रदान किया जा सकता है। उन्होंने यह भी दर्शाया कि STEM केवल एक शैक्षणिक दृष्टिकोण नहीं, बल्कि छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, तार्किक चिंतन, समस्या समाधान की क्षमता, सहयोगात्मक कार्यशैली और रचनात्मक अभिव्यक्ति को विकसित करने का एक प्रभावशाली माध्यम है।

शिक्षकों ने अपनी प्रस्तुतियों में डिजिटल उपकरणों, डेटा विश्लेषण, रोबोटिक्स, कोडिंग, गणितीय मॉडलिंग, भाषा व इतिहास में तकनीकी एकीकरण जैसे नवाचारों का समावेश करते हुए STEM को वास्तविक जीवन से जोड़ने के प्रभावशाली उपाय प्रस्तुत किए। कार्यशाला में प्रस्तुत शोधपत्रों का मूल्यांकन करने हेतु सीबीएसई द्वारा नामित प्रशंसा समिति के सदस्यगण उपस्थित रहे, जिनमें डॉ. राहुल श्रीवास्तव, (प्रोफेसर, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, जे.पी. विश्वविद्यालय) श्रीमती वंदना शर्मा (प्रधानाचार्या, साईं ब्लाइट इंटरनेशनल स्कूल, धर्मपुर) तथा विनोद कुमार शर्मा, (प्रधानाचार्य बाल भारती स्कूल, सोलन) सम्मिलित थे। तीनों विशेषज्ञों ने प्रतिभागी शिक्षकों की तार्किक प्रस्तुति, शोध की गहराई, नवाचार की झलक और STEM अवधारणाओं के प्रभावी एकीकरण की सराहना की।

विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ. लखविंदर अरोड़ा ने समस्त विशिष्ट अतिथियों, विशेषज्ञों एवं प्रतिभागी शिक्षकों का हृदय से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएँ केवल शिक्षण तकनीकों को समृद्ध नहीं करतीं, बल्कि शिक्षकों को एक प्रेरक नवाचारकर्ता बनने की दिशा में मार्गदर्शन भी प्रदान करती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि STEM शिक्षण एक ऐसी विधा है जो विद्यार्थियों को 21वीं सदी के लिए तैयार करने का सामर्थ्य रखती है।

कार्यशाला का सम्पूर्ण वातावरण अत्यंत ऊर्जावान, नवाचारपूर्ण एवं ज्ञानवर्धक रहा, जहाँ शिक्षकों की सक्रिय सहभागिता, संवादात्मक प्रस्तुतियाँ और जिज्ञासापूर्ण प्रश्नोत्तर सत्रों ने इस दिन को यादगार बना दिया। गुरुकुल परिसर में यह आयोजन न केवल शिक्षकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना, बल्कि यह भी प्रमाणित किया कि यह विद्यालय नवाचार, परंपरा और भविष्य-दृष्टि का सशक्त संगम है।

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