नाहन : हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष गंभीर बीमारियों से जूझ रहे आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों के लिए जीवन रक्षक साबित हो रहा है। इस कोष के तहत जरूरतमंदों को चिकित्सा खर्च के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है, जिससे वे बेहतर इलाज करवा सकें।
ऐसे ही लाभार्थियों में से एक हैं जिला सिरमौर के विकास खंड पांवटा साहिब की ग्राम पंचायत गुलाबगड़ के रहने वाले 40 वर्षीय गुलशेर अली। गुलशेर, जो वाहन चालक के रूप में अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं, पिछले साल गंभीर बीमारी का शिकार हो गए।
किडनी फेल होने की चुनौती
गुलशेर अली ने बताया कि करीब एक साल पहले उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। स्थानीय अस्पताल में जांच करवाने पर पता चला कि उनकी दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं। स्थानीय चिकित्सकों ने उन्हें पीजीआई चंडीगढ़ जाकर इलाज करवाने की सलाह दी।
पीजीआई चंडीगढ़ में डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि उनकी किडनी का ट्रांसप्लांट आवश्यक है, लेकिन इस प्रक्रिया में लगभग दो लाख रुपये का खर्च आएगा। गुलशेर के लिए, जो परिवार के इकलौते कमाने वाले हैं, यह राशि जुटा पाना असंभव था। उनके परिवार में वृद्ध माता-पिता, पत्नी और तीन स्कूली बच्चे हैं।
मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से मदद
गुलशेर अली को किसी ने मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस कोष के तहत मदद के लिए आवेदन किया। उनकी स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दो लाख रुपये की सहायता राशि स्वीकृत की।
इस राशि के माध्यम से गुलशेर का पीजीआई चंडीगढ़ में सफलतापूर्वक किडनी ट्रांसप्लांट हो पाया। अब वह स्वस्थ हैं और अपने परिवार के साथ एक नई जिंदगी की शुरुआत कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री और सरकार के प्रति आभार
गुलशेर अली और उनके परिवार ने मुख्यमंत्री और प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष ने उनकी जिंदगी बदल दी। उन्होंने अन्य जरूरतमंदों को भी इस कोष के तहत मदद लेने की सलाह दी।
प्रदेश सरकार का प्रयास
मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष के माध्यम से हिमाचल प्रदेश सरकार गंभीर बीमारियों से पीड़ित प्रदेशवासियों के इलाज को प्राथमिकता दे रही है। यह योजना प्रदेश की अन्य कल्याणकारी योजनाओं के साथ आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए एक वरदान साबित हो रही है।