सीटू सिरमौर का मिड डे मील कर्मियों की ड्यूटी को लेकर कड़ा विरोध

नाहन : सीटू जिला सिरमौर कमेटी के महासचिव आशीष कुमार ने हाल ही में उपनिदेशक एलीमेंट्री जिला सिरमौर द्वारा 6 अगस्त 2024 को जारी एक नोटिफिकेशन का कड़ा विरोध किया है। इस नोटिफिकेशन में मिड डे मील वर्करों की स्कूल खेलकूद प्रतियोगिताओं में ड्यूटी लगाने का आदेश दिया गया था। आशीष कुमार ने इसे मिड डे मील वर्करों के वर्क मैन्युअल के खिलाफ बताते हुए इसे तर्कसंगत नहीं माना।

आशीष कुमार ने कहा कि यह नोटिफिकेशन कर्मियों के लिए भ्रम का कारण बन रहा है, क्योंकि इसमें किसी वर्कर का नाम या स्कूल के आधार पर विशेष रूप से ड्यूटी लगाने की बजाय सामान्य रूप से ड्यूटी लगाने की बात कही गई है। इससे पहले भी चुनाव के दौरान इन कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है, लेकिन उन्हें इसके लिए कोई वेतन नहीं दिया जाता। आशीष ने इसे कर्मियों का शोषण बताते हुए कहा कि अक्सर चुनाव के समय इन कर्मियों को स्कूल के हाजरी रजिस्टर पर अनुपस्थित दिखाया जाता है, जो कि तर्कसंगत नहीं है।

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सीटू का मानना है कि यदि विभाग मिड डे मील कर्मियों की ड्यूटी लगा रहा है तो विभाग को उनकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। आशीष कुमार ने सवाल उठाया कि अगर ड्यूटी के दौरान किसी वर्कर के साथ कोई अनहोनी हो जाती है तो क्या विभाग उसकी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार है? उन्होंने उपनिदेशक से इसका स्पष्ट जवाब मांगा है।

आशीष कुमार ने यह भी मांग की है कि अगर वर्क मैन्युअल के अलावा इन कर्मियों से कोई अन्य कार्य करवाया जाता है तो उन्हें श्रम कानूनों के तहत वेतन और अन्य स्टाफ, जिसमें अध्यापक भी शामिल हैं, के अनुसार भुगतान किया जाए। इसके साथ ही, विभाग यह भी सुनिश्चित करे कि कार्यस्थल पर किसी वर्कर को कुछ हो जाता है तो विभाग पूरी जिम्मेदारी ले और साथ में जिस वर्कर की ड्यूटी लगाई जाती है, उसे उसके नाम से आदेश जारी किए जाएं।

आदेश में यह भी स्पष्ट किया जाए कि अगर ड्यूटी के दौरान कोई अनहोनी होती है तो विभाग वर्कर के परिवार को क्या मुआवजा देगा। आशीष कुमार ने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि इस तरह की ड्यूटी पर तैनात कर्मियों को बाद में सरकार से कोई सहायता नहीं मिलती। उन्होंने उप शिक्षा निदेशक को जिम्मेदार पद पर रहते हुए ऐसे शोषणकारी व्यवहार से बचने और कम वेतन पर काम कर रहे कर्मियों का शोषण न करने की सलाह दी।