मुख्यमंत्री सुक्खू ने युवाओं को कड़ी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया

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By Hills Post

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में गत सांय छात्र संगठन एनएसयूआई द्वारा आयोजित ‘व्यवस्था परिवर्तन एक संकल्प-आगाज नए युग का’ कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने युवाओं को कड़ी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि दृढ़ संकल्प और इच्छाशक्ति से जीवन में कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों में आत्मविश्वास की कोई कमी नहीं है और वे जीवन में कोई भी लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।

ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि आज मैं मुख्यमंत्री के रूप में लोगों की सेवा कर रहा हूं और 11 विधायक छात्र जीवन में एनएसयूआई की राजनीति से निकले हैं। आज कुछ लोग टिप्पणी करते हैं कि हिमाचल प्रदेश में ‘मित्रों की सरकार’ है। तीस वर्ष से यह मित्र ही चुनाव जीतकर विधायक बन रहे हैं। लंबे संघर्ष के बाद वह विधायक बने क्योंकि मतदाताओं ने उन्हें चुनकर विधानसभा भेजा और आज प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है।

मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय की यादों को सांझा करते हुए कहा कि 40 वर्ष पहले मैंने इसी विश्वविद्यालय में प्रवेश पाया था। आज जब मैं सभागार में आता हूं तो अपनेपन का अहसास होता है। उन्होंने कहा कि मेरे परिवार से कोई भी राजनीति में नहीं रहा और हम चार भाई-बहन हैं। मेरी माँ को हमेशा मेरी चिंता रहती थी। उन्होंने कहा कि जीवन में असफलता साथ-साथ चलती है, लेकिन चुनौतियों से विचलित नहीं होना चाहिए और कड़ी मेहनत से सफलता निश्चित प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि जगत प्रकाश नड्डा आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और वह भी इसी विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं। यहां से निकले छात्रों ने पूरे देश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। 

मुख्यमंत्री ने कहा, मेरा मानना है कि क्षेत्रीय विश्वविद्यालय सही नहीं है क्योंकि इससे छात्रों का व्यक्तित्व विकास सही ढंग से नहीं हो पाता है। बड़े विश्वविद्यालयों में सभी क्षेत्रों के छात्र अध्ययन के लिए आते हैं, जहां उन्हें विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृति और परंपराओं को समझने का अवसर प्राप्त होता है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल में राज्य में कई बदलाव आए हैं, जिनका सकारात्मक परिणाम प्रदेश के लोगों के जीवन पर पड़ रहा है। राज्य सरकार ने 6 हजार अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया है। विधवाओं और एकल नारियों के 23 हजार बच्चों की शिक्षा का खर्च राज्य सरकार वहन कर रही है। इसके अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कई सुधारात्मक कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में यह फैसले कड़वे जरूर लग सकते हैं, लेकिन इनका मीठा स्वाद आने वाली पीढियों को अनुभव प्राप्त होगा।

उन्होंने कहा कि इन फैसलों में युवाओं का साथ चाहिए, ताकि प्रदेश का आने वाला कल उज्ज्वल हो सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाकर 3 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया है, जिसे वंचित वर्ग के कल्याण पर खर्च किया जा रहा है, क्योंकि जो वर्ग अपनी आवाज नहीं उठा सकते उनका भी प्रदेश की संपदा में हिस्सा है।

इस अवसर पर विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया। इंडियन आइडल फेम नेहा दीक्षित ने भी कार्यक्रम के दौरान अपनी प्रस्तुति दी।

इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, उप मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक संजय अवस्थी, हरीश जनारथा, विवेक शर्मा, नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान, उप महापौर उमा कौशल, एचआरटीसी के उपाध्यक्ष अजय वर्मा, हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर, कौशल विकास निगम के समन्यवक अतुल कड़ोहता, महाधिवक्ता अनूप रतन, युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष छत्तर सिंह, एनएसयूआई के पदाधिकारी और अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

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