शिमला: हिमाचल प्रदेश का बजट प्रदेश के समग्र एवं समावेशी विकास पर केन्द्रित है | बजट में प्रदेश हित की योजनाओं और सभी वर्गों का ध्यान में रखते हुए बनाया गया है । यह बात प्रदेश के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज बजट पर आयोजित वर्चुअल जन संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रथम अवसर है जब प्रदेश का वार्षिक बजट प्रस्तुत करने के उपरान्त कोई मुख्यमंत्री आम जनता से सीधे तौर पर रू-ब-रू हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि गत चार वर्षों के दौरान प्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य निर्धन तथा जरूरतमंद वर्गों का सामाजिक-आर्थिक उत्थान सुनिश्चित करना रहा है। प्रदेश सरकार की सभी योजनाएं, नीतियां तथा कार्यक्रम समाज की अन्तिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के उत्थान को समर्पित रही हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार का सबसे पहला निर्णय वृद्धजनों के कल्याण तथा अन्य निर्णय निराश्रित पशुओं को उचित आश्रय सुनिश्चित करवाने के लिए लक्षित था। उन्होंने कहा कि गौ अभ्यारण्यों तथा गौ-सदनों में प्रत्येक पशु के लिए 500 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जा रहे थे जिसे वर्ष 2022-23 के बजट मेें बढ़ाकर 700 रुपये प्रतिमाह प्रति पशु किया गया है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार का दो वर्षो से अधिक का कार्यकाल कोरोना महामारी से प्रभावित रहा है। उन्होंने कहा कि सभी चुनौतियों के बावजूद प्रदेश ने राज्य के लोगों तथा केन्द्र सरकार के सक्रिय सहयोग और समर्थन से इस महामारी से निपटने में सफलता प्राप्त की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने इस माह की चार तारीख को 51,365 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया है जिसका उद्देश्य समाज के प्रत्येक वर्ग तथा राज्य के प्रत्येक क्षेत्र का विकास करना है। उन्होंने कहा कि पिछली प्रदेश सरकार के कार्यकाल के दौरान 28 हजार करोड़ रुपये से अधिक का ऋण लिया गया। महामारी के बावजूद वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया ऋण पिछली सरकार की तुलना में काफी कम है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि इस बार के बजट में सभी के लिए वृद्धावस्था पेंशन की आयु सीमा को कम करते हुए बिना किसी आय सीमा के 60 वर्ष करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन के जो लाभार्थी वर्तमान में 850 रुपये प्रतिमाह की पेंशन प्राप्त कर रहे थे, उन्हें अब 1000 रुपये प्रतिमाह, 1000 रुपये प्रतिमाह की पेंशन प्राप्त करने वाले लाभार्थियों को 1500 रुपये प्रतिमाह तथा 1500 रुपये प्रतिमाह प्राप्त कर रहे पेंशनरों को 1700 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 60 से 65 वर्ष आयु वर्ग की महिलाएं भी बिना किसी आय सीमा केे वृद्धावस्था पेंशन के लिए पात्र होंगी। उन्होंने कहा कि अब 7.50 लाख लाभार्थियों को वृद्धावस्था पेंशन योजनाओं का लाभ मिलेगा तथा इस पर कुल 1300 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह प्रथम अवसर है जब अन्य बजट दस्तावेजों के साथ जेंडर बजट स्टेटमेंट भी प्रस्तुत की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी सहायिकाओं और आशा कार्यकर्ताओं के मासिक मानदेय में भारी बढ़ोतरी की गई है। सिलाई अध्यापिकाओं, मिड-डे मील कार्यकर्ताओं, जलवाहक (शिक्षा विभाग), जल रक्षक, बहुउद्देशीय कार्यकर्ताओं, पैराफिटर तथा पम्प ऑपरेटरों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की है।
उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रतिमाह 9000 रुपये, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 6000 रुपये, आंगनवाड़ी सहायिकाओं को 4600 रुपये, आशा कार्यकर्ताओं को 4700 रुपये, सिलाई अध्यापिकाओं को 7850 रुपये, मिड-डे मील कार्यकर्ताओं को 3400 रुपये, जलवाहक (शिक्षा विभाग) को 3800 रुपये, जल रक्षक को 4400 रुपये, जल शक्ति विभाग के बहुउद्देशीय कार्यकर्ताओं को 3800 रुपये तथा पैराफिटर व पम्प ऑपरेटरों को 5400 रुपये मानदेय प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि दिहाड़ीदारों की दिहाड़ी में 50 रुपये बढ़ाकर इसे 350 रुपये प्रतिदिन किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आउटसोर्स कर्मचारी को भी न्यूनतम 10,500 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त शहरी स्थानीय निकायों तथा पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के मानदेय में भी बढ़ोतरी की गई है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा तथा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एक अतिरिक्त निःशुल्क सिलेण्डर प्रदान किया जाएगा, जिस पर 50 करोड़ रुपये की राशि व्यय की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हिमकेयर योजना के तहत अब पंजीकरण वर्षभर किया जाएगा तथा इसका नवीनीकरण तीन वर्ष की अवधि के उपरान्त होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहले केवल दो ऑक्सीजन संयंत्र थे, जबकि आज राज्य में 48 पीएसए ऑक्सीजन संयंत्र हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 60 यूनिट तक बिजली की खपत पर जीरो बिलिंग करने का निर्णय लिया है, जिससे लगभग 4.50 लाख उपभोक्ता लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि किफायती बिजली एक रुपये प्रति यूनिट की उपदान दर पर उपलब्ध करवाई जाएगी, जिससे 61 से 125 यूनिट तक की खपत करने वाले 7 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। किसानों के लिए बिजली की दर 30 पैसे प्रति यूनिट होगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर द्वारा 4 मार्च को प्रस्तुत किए गए वर्ष 2022-23 के बजट की सराहना करते हुए बजट की मुख्य विशेषताओं के बारे जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा गत चार वर्ष के कार्यकाल के दौरान अपने पांच बजट में 97 नई योजनाएं शुरू की गई।
इस अवसर पर सांसद एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप, शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज, प्रदेश भाजपा संगठन सचिव पवन राणा, मुख्यमंत्री के राजनैतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल, बाल कल्याण परिषद की महासचिव पायल वैद्य, नगर निगम शिमला की महापौर सत्या कौंडल, हिमफैड के अध्यक्ष गणेश दत्त, मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुभासीष पन्डा, प्रधान सचिव सामान्य प्रशासन भरत खेड़ा, सचिव वित्त अक्षय सूद, निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क हरबंस सिंह ब्रसकोन शिमला में उपस्थित थे, जबकि अन्य सभी मंत्री, विधायक, भाजपा नेता और प्रदेश की जनता ने वर्चुअल माध्यम से जन संवाद में भाग लिया।