शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के हस्तक्षेप के बाद प्रदेश सरकार ने अपने ही एक फैसले पर रोक लगा दी है। वित्त विभाग द्वारा 6 सितंबर, 2025 को जारी उस अधिसूचना को स्थगित कर दिया गया है, जिसमें हिमाचल प्रदेश सिविल सेवा (संशोधित वेतन) नियम, 2022 से नियम 7ए को हटाने का प्रावधान था। यह फैसला सोमवार को मुख्यमंत्री से कई कर्मचारी संगठनों की मुलाकात के बाद आया, जिन्होंने इस अधिसूचना को वापस लेने का आग्रह किया था।

सोमवार को शिमला में विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री सुक्खू से भेंट की और नियम 7ए को हटाने से कर्मचारियों पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव से उन्हें अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने संगठनों को आश्वासन दिया कि वर्तमान राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता कर्मचारियों के हितों की रक्षा करना है और उनके साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारियों का कल्याण सुनिश्चित करना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने अपनी सरकार की कर्मचारी-हितैषी नीतियों का जिक्र करते हुए कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार ने सत्ता संभालते ही अपने कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) को बहाल किया था। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी प्रदेश सरकार कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहेगी। इस फैसले से प्रदेश के हजारों सरकारी कर्मचारियों ने राहत की सांस ली है।