नाहन : ग्राम पंचायत नाया पंजोर में बीपीएल सूची सर्वे को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि बीपीएल सूची की तैयार प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं हुई हैं। आरोप है कि सर्वे टीम ने पंचायत में डोर-टू-डोर सर्वे किए बिना कमरे के अंदर ही सूची तैयार कर दी और 58 पूर्व पात्र व्यक्तियों में से किसी को भी नई सूची में शामिल नहीं किया गया।
ग्रामीणों का कहना है कि यह सर्वे न केवल पारदर्शिता की धज्जियां उड़ाता है, बल्कि इसमें पात्र व्यक्तियों को जानबूझकर बाहर रखा गया है। ग्राम सभा में हुई बैठक में स्थानीय लोगों ने बीपीएल सूची में हुई विसंगतियों को लेकर रोष प्रकट किया और कहा कि जिन लोगों को वास्तव में सरकार की मदद की जरूरत है, वे सूची से बाहर हैं, जबकि टीम जिन कर्मचारियों की निगरानी में सर्वे हुआ, वे पंचायत में कभी दिखाई ही नहीं दिए।

इस मौके पर समाजसेवी जालम सिंह शर्मा, पंचायत प्रधान लायक राम, उपप्रधान बारु राम शर्मा, पूर्व प्रधान महेंद्र सिंह कन्याल, धर्मपाल शर्मा, गीता राम शर्मा, गोपाल शर्मा, गुमान सिंह, दर्शन लाल, मोहन लाल, हुकमी राम सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे। सभी ने एक मत से सरकार से मांग की कि इस सर्वे को रद्द किया जाए और पूरी पंचायत में निष्पक्ष रूप से एक बार फिर बीपीएल सर्वे करवाया जाए।
ग्राम सभा ने प्रस्ताव पारित कर सरकार से दोबारा सर्वे की मांग की है, ताकि पात्र व्यक्तियों को उनका हक मिल सके और इस तरह की अनदेखी पूरे प्रदेश में न दोहराई जाए। गौरतलब है कि नाया पंजोर पंचायत सिरमौर ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश की सर्वाधिक साक्षर पंचायतों में शामिल है, जहाँ IAS व HAS जैसे अधिकारी सबसे अधिक चयनित हुए हैं और पंचायत की साक्षरता दर 97% है।