सोलन: हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी शिमला  की परमार पीठ के अध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश शर्मा को उनकी पुस्तक हिमाचल लिपिमाला के लिए संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार ने पुरस्कृत किया है। यह हिमाचल प्रदेश के लिए गौरव की बात है।

2 फरवरी 2023 को केंद्रीय सचिवालय ग्रंथागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल ने एक मात्र चयनित पुस्तक के लेखक प्रोफेसर डॉ. ओमप्रकाश शर्मा को पुरस्कृत किया। डॉ. शर्मा मूलत: शिमला जिला की चौपाल तहसील के जगराह गांव के रहने वाले हैं। डॉ. शर्मा साढ़े तीन दशक से हिमालय, हिमाचल के इतिहास, संस्कृति, सभ्यता, लोक इतिहास, पहाड़ी भाषा लिपियों पर शोध व लेखन कार्य कर रहे हैं। परमार पीठ में पहाड़ी भाषा लीपियों व लोकसाहित्य पर पाठ्यक्रम निर्मित कर हिमाचल निर्माता डॉ. यशवंत सिंह परमार के दृष्टिकोण को सार्थक बनाया है। डॉ. शर्मा अब तक 18 मौलिक पुस्तकों व 100 से अधिक शोधपत्रों का प्रकाशन कर चुके हैं।

  पुरस्कार मिलने के बाद डॉ. ओपी शर्मा ने बताया कि संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की संस्कृति विषयक मौलिक हिन्दी पुस्तक लेखन पुरस्कार योजना के अनुसरण में वर्ष 2021 की पुस्तकों के मूल्यांकन के लिए चयन समिति का गठन किया गया था। चयन समिति ने एचपीयू परमार पीठ के अध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश शर्मा की पुस्तक हिमाचल की लिपिमाला को पुरस्कृत किया है। यह सम्मान न केवल हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी बल्कि प्रदेश के बुद्धिजीवियों, लेखक समुदाय के लिए हर्ष का विषय है।

 हिमाचल प्रदेश के लेखन व साहित्यकार वर्ग ने भी डॉ. शर्मा को पुरस्कृत करने पर बधाई दी है। यहां जारी बयान में  डॉ. प्रेम लाल गौतम ने कहा कि साहित्य साधक, संस्कृत, संस्कृति पुरोधा डॉ. शर्मा को समामन के लिए बधाई और शुभकामनाएं। इसके अलावा मदन हिमाचली, डॉ. शंकर वासिष्ठ, कौमुदी ढल्ल, डॉ. कुलराजीव पंत, हर्षवर्धन जोशी, राम प्यारा गौड़, यशपाल कपूर, अदिति कंसल, यादव किशोर गौतम,   प्रो. बलदेव ठाकुर, डॉ. शिव भारद्वाज, डॉ. रामगोपाल शर्मा समेत , राजेंद्र वर्मा, संतोष कालरा समेत अन्यों ने डॉ. शर्मा को बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।

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