7वीं कक्षा में उठ गया था पिता का साया, बेटी ने हासिल की UGC-NET ऑल इंडिया 5th रैंक

नाहन : जिला सिरमौर की धरती से एक बार फिर प्रेरणादायक सफलता की कहानी सामने आई है। पांवटा साहिब की रहने वाली 24 वर्षीय वैशाली निराला ने राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (UGC-NET) में जूनियर रिसर्च फेलोशिप (JRF) के लिए क्वालिफाई करते हुए कॉमर्स विषय में ऑल इंडिया 5वीं रैंक हासिल की है। यह सफलता न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि पूरे सिरमौर जिले के लिए गर्व का विषय बन गई है।

पिता का सपना, बेटी ने किया साकार
वैशाली के लिए यह सफर आसान नहीं रहा। जब वह केवल 7वीं कक्षा में थीं, तब एक सड़क दुर्घटना में उनके पिता श्री विनोद कुमार निराला, जो लोक संपर्क विभाग में जेई थे, का असमय निधन हो गया था। इसके बाद वैशाली की मां नीलम निराला ने दो बेटियों और एक बेटे को अकेले पाल-पोस कर बड़ा किया। वैशाली बताती हैं कि उनके पिता चाहते थे कि वे जीवन में कुछ बड़ा करें और समाज के लिए प्रेरणा बनें। उन्होंने यह सपना अपनी मेहनत और लगन से सच कर दिखाया।

UGC-NET

शिक्षा का सफर पांवटा से शिखर तक
वैशाली ने अपनी स्कूली शिक्षा गुरु नानक मिशन पब्लिक स्कूल, पांवटा साहिब से पूरी की। इसके बाद उन्होंने श्री गुरु गोविंद सिंह जी राजकीय महाविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की। शिक्षा के प्रति उनकी लगन यहीं नहीं रुकी। उन्होंने बी.एड की डिग्री बीकेडी कॉलेज, पांवटा साहिब से और फिर स्नातकोत्तर (M.Com) की पढ़ाई हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से पूरी की।

पहला प्रयास असफल, फिर भी नहीं मानी हार
वैशाली ने बताया कि उन्होंने दिसंबर 2024 में पहली बार UGC-NET की परीक्षा दी थी, लेकिन सिर्फ एक अंक से चूक गईं। इस असफलता ने उन्हें तोड़ा नहीं, बल्कि और मज़बूत बनाया। उन्होंने घर पर रहकर बिना कोचिंग के अध्ययन जारी रखा और जून 2025 में आयोजित परीक्षा में शानदार सफलता अर्जित करते हुए पूरे देश में 5वीं रैंक हासिल की।

एक परिवार, कई प्रतिभाएं
वैशाली का परिवार भी प्रेरणा से कम नहीं है। उनकी छोटी बहन वंशिका निराला, दिल्ली यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही हैं और हिमाचल प्रदेश बास्केटबॉल टीम की पूर्व कप्तान रह चुकी हैं। खेल के क्षेत्र में वह राज्य का प्रतिनिधित्व करती रही हैं। वहीं उनके बड़े भाई विक्रांत निराला ने शिमला के कुफरी स्थित IHM से होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई की है और वर्तमान में दिल्ली में HM के छात्रों को पढ़ा रहे हैं।

मां और मौसी ने निभाया सहारा
इस संघर्षपूर्ण सफर में वैशाली की मां नीलम निराला और मौसी विनीता चौहान ने उनका भरपूर साथ दिया। नीलम निराला ने कहा, “हमने हमेशा भगवान से यही प्रार्थना की कि हमारे बच्चे जीवन में कुछ बड़ा करें। वैशाली ने यह साबित कर दिया कि मेहनत कभी बेकार नहीं जाती।” इस सफलता पर वे भावुक भी नजर आईं।

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पंकज जयसवाल

पंकज जयसवाल, हिल्स पोस्ट मीडिया में न्यूज़ रिपोर्टर के तौर पर खबरों को कवर करते हैं। उन्हें पत्रकारिता में करीब 2 वर्षों का अनुभव है। इससे पहले वह समाज सेवी संगठनों से जुड़े रहे हैं और हजारों युवाओं को कंप्यूटर की शिक्षा देने के साथ साथ रोजगार दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।