प्रशासनिक प्रतिबंधों के बावजूद बर्फबारी में चूड़धार पहुंचे श्रद्धालु फंसे, रेस्क्यू में परेशानी

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By पंकज जयसवाल

नाहन : शिमला और सिरमौर जिलों की सीमा पर स्थित शिरगुल महाराज की तपोस्थली चूड़धार की यात्रा पर प्रशासन द्वारा पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। इसके बावजूद, बाहरी राज्यों से श्रद्धालु चूड़धार जाने का प्रयास कर रहे हैं, जिसके कारण वहां फंसे श्रद्धालुओं को रेस्क्यू करने में मंदिर स्टाफ को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

चूड़धार यात्रा पर रोक के बावजूद श्रद्धालु नौहराधार के रास्ते से चूड़धार की ओर बढ़ रहे हैं, जहां चार फीट से अधिक बर्फ जमी हुई है और रास्ते में भारी फिसलन भी है। इस समय चूड़धार मंदिर में केवल दो कर्मचारियों की तैनाती है, जो इन परिस्थितियों में फंसे श्रद्धालुओं की मदद करने में संघर्ष कर रहे हैं।

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मंदिर समिति के प्रबंधक श्याम शर्मा ने बताया कि हाल ही में पंजाब के लुधियाना से चार श्रद्धालु नौहराधार के रास्ते से चूड़धार के लिए रवाना हुए थे। खराब मौसम और बर्फबारी के कारण वे रास्ते में ही फंस गए थे। इन श्रद्धालुओं ने मदद के लिए मंदिर समिति से संपर्क किया, जिसके बाद उन्हें किसी तरह चूड़धार पहुंचाया गया।

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प्रबंधक श्याम शर्मा ने इस दौरान नौहराधार के होटल व्यवसायियों और पुलिस से अनुरोध किया है कि वे किसी भी श्रद्धालु को चूड़धार न भेजें। उन्होंने बताया कि चूड़धार में बर्फबारी के कारण रास्ते में काफी फिसलन है और रेस्क्यू के लिए स्टाफ की कमी हो रही है। इसके अलावा, चूड़धार में बिजली आपूर्ति भी ठप हो चुकी है, और पीने के पानी की आपूर्ति भी एक महीने से जाम है। खाना बनाने और पीने के पानी के लिए बर्फ को पिघला कर इस्तेमाल किया जा रहा है।

इस मामले में प्रशासन और मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे बर्फबारी और खराब मौसम को देखते हुए यात्रा पर जाने से बचें और अपने जीवन की सुरक्षा को प्राथमिकता दें।

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पंकज जयसवाल

पंकज जयसवाल, हिल्स पोस्ट मीडिया में न्यूज़ रिपोर्टर के तौर पर खबरों को कवर करते हैं। उन्हें पत्रकारिता में करीब 2 वर्षों का अनुभव है। इससे पहले वह समाज सेवी संगठनों से जुड़े रहे हैं और हजारों युवाओं को कंप्यूटर की शिक्षा देने के साथ साथ रोजगार दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।