राज मिश्र की उपाधि से नवाजे गए देवांश मिश्रा

नाहन : कुछ महीने पूर्व, रमेश चंद्र के निधन के बाद, उनके पौत्र देवांश मिश्रा को राज मिश्र की उपाधि से नवाजा गया है। यह विशेष समारोह नवरात्र के अवसर पर कालीस्थान मंदिर परिसर में आयोजित किया गया, जहां राजगुरु ने विधि विधान के साथ देवांश का मंगल तिलक किया। इस अवसर पर राज परिवार के सदस्यों की उपस्थिति रही, जो इस महत्वपूर्ण क्षण का साक्षी बने।

रमेश चंद्र, जो लंबे समय से राज मिश्र की जिम्मेदारी निभा रहे थे, के निधन के बाद उनकी जिम्मेदारी किसी को नहीं सौंपी गई थी। राज परिवार के सदस्य कुंवर अजय बहादुर सिंह ने बातचीत में बताया कि रियासत काल से राज परिवार के सहयोग के लिए राजपुरोहित और राज मिश्र की नियुक्ति की जाती रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी राजा की संतान नहीं होती, तो राजपुरोहित उनका अंतिम संस्कार करते थे, जबकि राज मिश्र अन्य मांगलिक कार्यों को संपन्न करवाने में सहयोग करते थे।

Raj Mishra

कुंवर अजय ने बताया कि रमेश चंद्र के निधन के बाद देवांश मिश्रा को राज मिश्र का दायित्व सौंपना आवश्यक हो गया था, ताकि परंपरा का निर्वहन हो सके। उन्होंने विश्वास जताया कि देवांश अपने दादा के समान इस दायित्व को निभाएंगे।

यह समारोह न केवल राज परिवार के लिए, बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए भी महत्वपूर्ण था, क्योंकि यह पारंपरिक मूल्यों और परंपराओं को बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। देवांश मिश्रा की नियुक्ति के साथ, उम्मीद की जा रही है कि वह अपने पूर्वजों की तरह इस जिम्मेदारी को निभाएंगे और राज परिवार की परंपराओं को आगे बढ़ाएंगे।