शिमला: हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) अशोक तिवारी ने युवाओं से नशे के खिलाफ लड़ाई में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया है। सोमवार को एपीजी शिमला विश्वविद्यालय में आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम में उन्होंने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सब ‘बिना वर्दी के पुलिसकर्मी’ बनकर इस सामाजिक बुराई को खत्म करने में हमारी मदद करें।
विश्वविद्यालय ने “Before You Fall, Stand Tall” शीर्षक से इस विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसका उद्देश्य छात्रों को नशे की बढ़ती समस्या के प्रति जागरूक करना था।

डीजीपी अशोक तिवारी ने अपने संबोधन में युवाओं में बढ़ते नशे के मामलों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे अपने आसपास किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। उन्होंने कहा कि आप न केवल खुद को, बल्कि अपने दोस्तों और साथियों को भी जागरूक कर इस मुहिम में एक बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने छात्रों को पुलिस के नशा विरोधी अभियानों से जुड़ने के लिए भी प्रेरित किया।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण छात्रों और पुलिस अधिकारियों के बीच हुआ सवाल-जवाब सत्र रहा। छात्रों ने नशे के शुरुआती लक्षणों, पुनर्वास प्रक्रिया और कानूनी परिणामों जैसे कई महत्वपूर्ण सवाल पूछे। डीजीपी और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों, जिनमें एसपी (वेलफेयर) पंकज शर्मा और डीएसपी (PHQ) गीता अंजलि ठाकुर शामिल थे, ने छात्रों के सभी सवालों के विस्तार से जवाब दिए।
डीजीपी ने छात्रों को आश्वासन दिया कि पुलिस हर उस व्यक्ति के साथ है जो इस सामाजिक बुराई के खिलाफ खड़ा होना चाहता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नशा करने वाले युवाओं को सुधार का मौका दिया जाता है और पुनर्वास एक सजा नहीं, बल्कि एक इलाज की प्रक्रिया है।
कार्यक्रम का समापन विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार आर.एल. शर्मा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिन्होंने एक नशा-मुक्त परिसर के निर्माण के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता दोहराई।