नाहन: संस्कृति से सेवा, भाषा से सेतु, युवाओं के लिए चमकदार उदाहरण हैं धनंजय

नाहन : “भाषा सिर्फ संवाद नहीं, संस्कृतियों को जोड़ने का माध्यम भी है।”, यह साबित कर दिखाया है हिमाचल के सिरमौर जिले के नाहन निवासी धनंजय सिंह कंवर ने, जो 25 वर्षों से फ्रेंच भाषा में विदेशी पर्यटकों के लिए भारत भ्रमण करवा रहे हैं। न केवल पर्यटन, बल्कि वह भारत की संस्कृति, धर्म और अध्यात्म पर प्रभावशाली व्याख्यान देते हैं, जिसे यूरोप तक सराहा गया है।

धनंजय सिंह कंवर का जीवन सफर किसी प्रेरणादायक किताब से कम नहीं। विज्ञान में स्नातक (B.Sc.) करने के बाद उन्होंने होटल मैनेजमेंट किया और दिल्ली के प्रसिद्ध फाइव स्टार होटल्स में काम किया। लेकिन मन कहीं और था – लोगों से जुड़ने, बात करने, भारत को समझाने और दुनिया को भारत समझाने का। इस जुनून ने उन्हें फ्रेंच भाषा सीखने को प्रेरित किया। उन्होंने तीन साल का डिप्लोमा कर फ्रेंच में दक्षता हासिल की और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। साल 1999-2000 में एक कनाडाई फ्रेंच कंपनी से जुड़कर कल्चरल टूर गाइड के रूप में करियर शुरू किया।

संस्कृति से सेवा

“होटल इंडस्ट्री छोड़ दी, लेकिन भारत नहीं छोड़ा”
धनंजय बताते हैं, “विदेशी पर्यटक भारत के रंग, धर्म और विविधता को लेकर बेहद जिज्ञासु रहते हैं। मैंने देखा कि भाषा की बाधा के कारण वे असली भारत को नहीं समझ पाते, इसलिए मैंने खुद को कल्चरल गाइड के रूप में समर्पित किया।” वह केवल हिंदू धर्म नहीं, बल्कि भारत के सभी प्रमुख धर्मों बौद्ध, सिख, इसाई, मुस्लिम की संस्कृति और दर्शन को भी विदेशी पर्यटकों तक पहुंचाते हैं:

उनका टूर दिल्ली से शुरू होकर ऋषिकेश, हरिद्वार, सोलन, नाहन, शिमला, धर्मशाला, अमृतसर और आगरा तक जाता है। हर जगह वह स्थानीय धर्म, संस्कृति और इतिहास को फ्रेंच भाषा में गहराई से समझाते हैं।

“नाहन की गलियों में विदेशी पर्यटकों की चहल-पहल”
धनंजय अपने विदेशी मेहमानों को शाम के समय अपने घर लाते हैं, जहां वे अपने परिवार से उनका परिचय कराते हैं और उन्हें पारंपरिक भारतीय भोजन कराते हैं। इस आत्मीय माहौल में मेहमानों को भारत की पारिवारिक संस्कृति और आतिथ्य का सीधा अनुभव मिलता है, जिसे वे ताउम्र याद रखते हैं।

फ्रांस-बेल्जियम तक मिली पहचान
धनंजय को एक बार यूरोप जाकर फ्रेंच में व्याख्यान देने का भी अवसर मिला। फ्रांस और बेल्जियम में उनके विचारों को सराहा गया। वहां के रेडियो और समाचार पत्रों में उनकी चर्चा हुई।

युवा अगर अपनाना चाहें यह पेशा
धनंजय युवाओं को सलाह देते हैं कि अगर किसी में लोगों से संवाद करने का जुनून है, भारत की विविधता को दिखाने का सपना है, तो यह पेशा बेहतरीन है। लेकिन इसमें सिर्फ चमक-धमक नहीं, बल्कि जिम्मेदारी, संवेदनशीलता और संस्कृति की समझ भी होनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि फ्रेंच, जर्मन, स्पेनिश जैसी विदेशी भाषाएं आज ऑनलाइन भी सीखी जा सकती हैं। साथ ही पर्यटन विभाग से संपर्क करके आवश्यक कागज़ात पूरे करें और किसी ट्रैवल एजेंसी से जुड़ें।

धनंजय सिंह कंवर आज हिमाचल ही नहीं, भारत के लिए सांस्कृतिक एंबेसडर बन चुके हैं। वह विदेशी मेहमानों को भारत के विविध धर्मों, परंपराओं और जीवन दर्शन से इस तरह परिचित करवाते हैं कि वे भारत से वापस जाकर इसे वर्षों तक नहीं भूलते। उनकी कहानी आज के युवाओं को प्रेरणा देती है कि अगर जुनून हो तो भाषा, क्षेत्र या अवसर की कोई भी सीमाएं नहीं होतीं ।

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पंकज जयसवाल

पंकज जयसवाल, हिल्स पोस्ट मीडिया में न्यूज़ रिपोर्टर के तौर पर खबरों को कवर करते हैं। उन्हें पत्रकारिता में करीब 2 वर्षों का अनुभव है। इससे पहले वह समाज सेवी संगठनों से जुड़े रहे हैं और हजारों युवाओं को कंप्यूटर की शिक्षा देने के साथ साथ रोजगार दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।