नाहन। अनुशासन का मानव जीवन में बहुत महत्व है। अनुशासन के बिना व्यक्ति लक्ष्य हासिल नहीं कर सकता, इसलिए विद्यार्थी को सफल जीवन के लिए कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प के साथ-साथ अनुशासन में रहकर कार्य करना चाहिए। यह विचार उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने शुक्रवार को कालाअंब में प्रथम हिमाचल प्रदेश बालिका बटालियन एन.सी.सी. सोलन द्वारा प्रदेश की 569 एन.सी.सी. कैडेट्स के 21 दिसंबर से शुरू हुए 10 दिवसीय कैंप के समापन अवसर पर व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि एन.सी.सी. विद्यार्थी में अनुशासन और राष्ट्र भक्ति की भावना पैदा करती है। उन्होंने कहा कि कैडेट्स ने जो भी यहां सीखा उसे अपने जीवन में जरूर अपनाएं। उन्होंने कहा कि सर्वोपरि राष्ट्र है, एन.सी.सी. यही सिखाती है। प्रशिक्षण में कैडेट्स को अच्छे संस्कार मिलते हैं। उन्होंने युवाओं से नशे से दूर रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि नशामुक्त हिमाचल हो इसके लिए नशे के कारोबारियों को नहीं बक्शा जाएगा। प्रदेश सरकार भावी पीढ़ी के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कड़े कदम उठा रही है।
उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान प्रदेश में 12 हजार करोड़ रूपये का नुक्सान हुआ है। प्रदेश सरकार आपदा प्रभावित परिवारों को राहत राशि प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बेसहारों का सहारा है। सुख आश्रय योजना के माध्यम से 4 हजार बच्चों को हर महीने 4 हजार रुपये प्रति बच्चे के हिसाब से दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 1.36 लाख कर्मचारियों को ओ.पी.एस. बहाल कर दी गई है, जिससे वह सेवानिवृत होने के बाद पूरी प्रतिष्ठा व सम्मान के साथ जीवन यापन कर सकेंगे।
स्वास्थ्य मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में दो घटक एकता और अनुशासन महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। एन.सी.सी. पाठ्यक्रम में भी शामिल होनी चाहिए ताकि विद्यार्थियों को देश की आजादी कैसी मिली है, का बोध हो सके। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षित युवा पीढ़ी की आपदा के दौरान जन सेवा में सेवाएं ली जा सकती हैं। इसके लिए स्कूली स्तर पर बच्चों को एन.सी.सी. के प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने पर जोर दिया।