नाहन : आज डॉईट नाहन में स्टार प्रोजेक्ट के तहत पाँच दिवसीय कार्यशाला के तीसरे दिन स्त्रोत व्यक्ति डॉ ईश्वर दास राही ने अपनी सिंगापुर शैक्षणिक भ्रमण के अनुभव साझा किए। उन्होंने साथी प्रवक्ताओं को बताया कि किस तरह से सिंगापुर के नागरिकों के अंदर स्वानुशासन है और वे लोग अपने राष्ट्र को केंद्र में रख कर अपनी हर गतिविधि को अंजाम देते है।
उन्होंने 21वीं सदी की शैक्षणिक पैड़ागोजी के अंतर्गत एक्सप्रिएंसियल लर्निंग पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि एक्सपरियंसीयल लर्निंग क्या है? इसके कितने प्रकार और प्रविधियां हैं और कैसे हम छात्रों को इसके माध्यम से लर्निंग करवा सकते है
भारत की वर्तमान परिस्थितियों और उपलब्ध संसाधनों से हम किस प्रकार से एक्सपरियंशियल लर्निंग लागू कर सकते है और किस तरह से पाठ्यक्रम में उसे स्थान दिया जाए इन सभी बातों पर विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने प्रवक्ताओं को सिंगापुर के इश्क युसूफ सकेंडरी स्कूल के भवन, कक्षा कक्ष, खेल मैदान और पुस्तकालय की वीडियो भी दिखाई। जिसे देख कर सभी को वहाँ की शैक्षणिक व्यवस्था की जानकारी मिली।
दोपहर के सत्र में श्री दिनेश गुलाटी जी ने मापन, आकलन एवं मूल्यांकन विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने मूल्यांकन का राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सन्दर्भ में 360 डिग्री रिपोर्ट कार्ड और छात्रों के समग्र मूल्यांकन पर चर्चा की। उन्होंने मूल्यांकन के महत्व और अनेक नवीन प्रविधियों के बारे में अवगत करवाया।