सोलन: जिला सोलन में नालागढ़ उपमंडल के अंर्तगत आने वाले मियांपुर गांव के एक छोटे से परिवार में जन्मे डॉ. जयपाल ठाकुर मेहनत की वह मिसाल हैं, जिन्होंने न केवल अपना कैरियर संवारा, बल्कि औरों को भी आगे बढ़ाने व ऊपर उठने की सीख दी।
गरीब परिवार में जन्मे डॉ. जयपाल ठाकुर ने कठिनाइयों का बीच हिमाचल विश्वविद्यालय शिमला से बी.एड, हिंदी विषय में एम.ए की उपाधि पाई। इसके बाद इन्होंने अपनी कड़ी मेहनत व लगन से पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से हिंदी विषय में प्रोफेसर परेश (राजस्थान ) के मार्गदर्शन से पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। निर्धन परिवार में जन्मे जयपाल ठाकुर के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि थी। वर्तमान में डॉ. जयपाल ठाकुर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बाघेरी में हिंदी प्रवक्ता के पद पर कार्यरत है। डॉ. जयपाल ठाकुर रुचि हिंदी साहित्य में भी पहले से ही थी। उनका कविता लिखने का सिलसिला राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बरुना (1994 ) से शुरू हुआ था।
यह सिलसिला महाविद्यालय नालागढ़ से विश्वविद्यालय शिमला में भी जारी रहा। डॉ. जयपाल ठाकुर अब तक हिंदी पहाड़ी भाषा में 190 से अधिक कविताएं, गीत, नज्में, लेख,लघु कथा लिख चुके हैं और यह क्रम अभी भी जारी है। अंतरराष्ट्रीय पत्रिका कवितावली,अंतरराष्ट्रीय मंच दिल्ली आदि के माध्यम से भी डॉ. जयपाल ठाकुर ने अपनी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान बनाई है।
विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में भी उनकी रचनाएं, लेख प्रकाशित होते रहते हैं। डॉ. जयपाल ठाकुर विभिन्न कवि सम्मेलनो, चंडीगढ़, शिमला, बिलासपुर, नालागढ़ भाषा एवं संस्कृति विभाग सोलन के माध्यम से चार सांझे कविता संग्रह, नवलोकांचल गीत (मध्यप्रदेश ), प्रेम पथ के पथिक (सोलन ) दूसरा साँझा कविता संग्रह (सोलन ) हिमाचल प्रदेश से प्रकाशित हो चुके हैं।
डॉ. जयपाल ठाकुर का अपना कविता संग्रह “अकेला होता आदमी ” जालंधर से प्रकाशित हुआ है। शीघ्र ही एक दूसरा कविता संग्रह भी प्रकाशित होने वाला है। हिमाचल से लेकर पंजाब, बिहार, गुजरात, गोवा, हरियाणा, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, असम, अरुणाचल, महाराष्ट्र, तेलंगाना, जम्मू कश्मीर आदि तक उनकी कविताओं की गूंज सुनाई देती है। पाठशाला में भी डॉ. जयपाल ठाकुर अपनी कविताओं से बच्चों को प्रेरित करते रहते हैं। इनका कविता संग्रह,”अकेला होता आदमी ” पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से हिंदी विभाग अध्यक्ष अशोक कुमार सभरवाल द्वारा रिलीज किया गया |