डॉ कविता ने 80 साल के बुजर्ग की TAVR तकनीक से बचाई जान 

नई दिल्ली: सर गंगा राम हॉस्पिटल में कार्यरत वरिष्ठ हार्ट रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कविता त्यागी ने एक जटिल हृदय संबंधी प्रक्रिया को अंजाम दिया, जिसके परिणामस्वरूप एक 80 साल के बुजुर्ग मरीज की जान बचाई गई। डॉ. कविता  के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम द्वारा एक बुजुर्ग व्यक्ति पर एओर्टिक स्टेनोसिस के इलाज के लिए जटिल और उच्च जोखिम वाली ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व इम्प्लांटेशन (टीएवीआई) प्रक्रिया को सफलतापूर्वक किया गया।

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उक्त बुजर्ग का वाल्व सिकुड़ गया था तथा ठीक से नहीं खुलता है जिससे हृदय से शरीर तक रक्त का प्रवाह कम हो गया था जिसपर डॉ कविता ने बजुर्ग को टीएवीआर तकनीक से इलाज की सलाह दी जिसके तहत मरीज को बिना किसी दर्द के स्थानीय एनेस्थीसिया के तहत 2 घंटे की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा और 24 घंटे की निगरानी के लिए आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया। 2 दिन में उन्हें छुट्टी दे दी अब वह पूरी तरह स्वस्थ हैं।

डॉ कविता त्यागी ने बताया कि टीएवीआर पिछले 15-20 वर्षों में चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ी प्रगति है। अपनी कम आक्रामक प्रकृति के कारण, टीएवीआर ने ओपन-हार्ट सर्जरी की जगह ले ली है। सबसे पहले, टीएवीआर की सिफारिश केवल उन मरीजों को की जाती थी जो सर्जरी के लिए अयोग्य थे।

ओपन हार्ट सर्जरी में रोगी को  10-12 दिनों तक निगरानी में रहना होगा,और ठीक होने में लगभग 1 – 2 महीने लगते थे जबकि टीएवीआर के साथ, जटिलताओं की संभावना कम हो जाती है, और रोगी को प्रक्रिया के बाद 2-3 दिनों के भीतर छुट्टी दी जा सकती है। इसके साथ एसएवीआर की तुलना में रिकवरी की दर भी तेज है। 

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