डा. के.एल. सहगल को मिलेगा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार

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सोलन: भारत सरकार ने संगीत के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध लोक गायक डा. के.एल. सहगल को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार के लिए चयनित किया है। भारत सरकार की उच्च स्तरीय राष्ट्रीय चयन समिति देश भर के 92 प्रतिष्ठित कलाकारों का चयन विविध विधाओं में कार्य के लिए चयन किया है।
यह पुरस्कार हिमाचली संगीत की अनूठी पहचान और देव धरा की विशुद्ध लोक संस्कृति का प्रतीक है। भारत की राष्ट्रपति शीघ्र ही नई दिल्ली में एक समारोह में इन कलाकारों को ये पुरस्कार प्रदान करेंगी।

डा. के.एल. सहगल

उल्लेखनीय है कि हिमाचली लोक संगीत के व्यापक प्रचार-प्रसार और विश्ष्टि योगदान के लिए डा. सहगल को अनेक राष्ट्रीय और प्रादेशिक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। इनमें हिमाचल गौरव पुरस्कार भी शामिल है। आकाशवाणी और दूरदर्शन सहित प्रदेश की अनेक अग्रणी संस्थाओं ने उनके योगदान को सराहते हुए सम्मानित किया है। हिमाचल की लोक संस्कृति और यहां के लोग संगीत की अलग पहचान बनाए रखने के लिए इन्होंने महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं।

डा. कृष्णलाल सहगल ने कंठ संगीत में पी.एच.डी की डिग्री उपाधि हासिल की है तथा अनेक वीडियो और वीडियो एल्बम निकलाने के साथ-साथ कई पुस्तकों का लेखन भी किया है। उनके अनेक शिष्य आज संगीत जगत में नाम रोशन कर रहे हैं जिनकी तादाद बॉलीवुड तक है। पिछले पांच दशकों के दौरान उन्होंने अनेक प्रतिष्ठित मंचों पर अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से हिमाचल लोक संगीत को नए आयाम दिए हैं और नवोदित कलाकारो के लिए प्रेरणा-स्त्रोत बने हुए हैं।

सिरमौर के हैं डॉ.सहगल

 डॉ. के.एल. सहगल का जन्म सिरमौर जिला की राजगढ़ तहसील के गांव भुईरा में पिता गंगा राम व माता राम देवी के घर 9 फरवरी 1949 को हुआ। गांव में प्रारंभिक शिक्षा के बाद उन्होंने हिमाचल प्रदेश विवि से गायन में उच्च शिक्षा प्राप्त की। आकाशवाणी शिमला, दूरदर्शन शिमला, दूरदर्शन केंद्र जालंधर में इनकी मधुर आवाज रिकार्ड हुई है। सिरमौर की लोक संस्कृति, साहित्य, परंपरा को समृद्ध करने में उनका अतूल्य योगदान है, जो पीढिय़ों तक रहेगा। डॉ. सहगल वर्ष-2008 में हिमाचल के कॉलेज काडर में संगीत के सहायक प्रोफेसर के पद से सेवानिवृत हुए हैं।