पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ व हिमाचल के नामी शायरों ने मुशायरा में भाग लिया

Photo of author

By Hills Post

सोलन: भंडारी अदबी ट्र्स्ट पंचकुला के तत्वावधान में बज्म-ए-मुशायरा का आयोजन किया। तीन दिवसीय इस मुशायरा में भाग लेने के लिए पंजाब, हरियाणा,चंडीगढ़ व हिमाचल के नामी शायरों ने भाग लिया। कार्यशाला के समापन समारोह के अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्रीराम अर्श ने कहा के ग़ज़ल एक ऐसी विधा है जो सीखे बिना नहीं आ सकती। हमारा उद्देश्य ग़ज़ल की बारीकियों पर चर्चा करना था जिस में हम सफल रहे हैं ।  

जाहिद अबरोल  ने कहा के ग़ज़ल आज के दोर में बहुत प्रसिद्ध विधा है । गजल लिखने वाले शेयरों को चाहिए के वो इस विधा का बारीकी से अध्यन करें। डॉ. जतिंदर परवाज़ जो इस तीन दिवसीय वर्कशॉप का संचालन कर रहे थे ने कहा के ग़ज़ल की तकनीकी जानकारी प्राप्त किए बिना गजल लिखना संभव ही नहीं है । शायरों को पुराने शायरों की लिखी हुई गजलों का अध्यन करना चाहिए। 

भंडारी अदबी ट्रस्ट के चेयरमैन और मशहूर शायर अशोक नादिर ने सभी शायरों का इस वर्कशॉप में भाग लेने के लिए धन्यवाद किया और सभी मेहमानों को ट्रस्ट की तरफ से  उपहार भेंट किए। उन्हें पौधा लगा हुए गमला , नोट पैड, पेन और दूसरे उपहार दिए गए। तीन दिन की इस वर्कशॉप गजल के रूप स्वरूप पर चर्चा  की।   इस अवसर पर आए आए सभी शायरों ने अपना चुनिंदा कलाम पेश किया। सोलन तीन दिन तक चला यह कार्यक्रम संपन्न हो गया। आशिक नादिर ने कहा कि आने वाले समय में भी हम  इस तरह के प्रोग्राम करवाते रहेंगे।

इन शायर ने लिया भाग

 पटियाला से परविंदर शौक, मनमोहन सिंह दानिश, जीरकपुर से सतीश अंजुम, ऊना से रीटा अबरोल, पटियाला से सुखविंद्र आही, शिमला से सुमित राज, सोलन के अर्की से कुलदीप गर्ग तरूण, शिमला से नरेश दयोग, पटियाला से अमरप्रीत कौर,चंडीगढ़ से चमन शर्मा चमन और सुशील हरत नरेलवी समेत अन्य भाग ले रहे हैं।

Photo of author

Hills Post

हम उन लोगों और विषयों के बारे में लिखने और आवाज़ बुलंद करने का प्रयास करते हैं जिन्हे मुख्यधारा के मीडिया में कम प्राथमिकता मिलती है ।