सोलन: जाने-माने फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने सोलन स्थित मानव मंदिर का दौरा किया और यहां देशभर से आए मस्कूलर डिस्ट्रॉफी से पीढि़त बच्चों के साथ करीब सवा घंटे का समय बिताया। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने मानव मंदिर में प्रवेश किया तो उनका नजरिया कुछ ओर था, लेकिन जब वह यहां से वापिस गए तो उनके जीवन में जो बदलाव आया है। उन्होंने मानव मंदिर में लाइलाज बीमारी मस्कूलर डिस्ट्रॉफी से ग्रस्त 32 बच्चों और उनके अभिभावकों से जब बातचीत की तो उन्होंने अपने भीतर भी बदलाव पाया। वह भावुक क्षण थे और उनका  इस दौरे से आईएएमडी से भावनात्मक रिश्ता जुड़ गया और उन्होंने भी  अपने को इस संस्था के  वालंटियर बताया।

आईएएमडी के महासचिव विपुल गोयल ने बताया कि विवेक अग्निहोत्री फेमस फिल्म डॉयरेक्टर हैं और उन्होंने  कश्मीर फाइल्स और ताशकंद फाइल्स जैसी फिल्मों का निर्देशन किया है। उनकी उपस्थिति से मस्कूलर डिस्ट्रॉफी से ग्रस्त बच्चों को हौसला मिला और वह सभी बच्चों से और उनके अभिभावकों से मिले।

अभी तक नहीं है कोई दवा

मस्कूलर डिस्ट्रॉफी की फिलहाल कोई दवा नहीं है, लेकिन मानव मंदिर सही मायने में मानवता की सेवा कर रहा है। इसमें इस बीमारी से ग्रस्त लोगों को यथास्थिति रखा जाता है। इसके लिए मानव मंदिर में फिजियोथैरेपी, जेनेटिक काउंसलिंग, जनरल कॉलिंग और योग-प्राणायाम भी करवाया जाता है।

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