सोलन: राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस 2025 के उपलक्ष्य में डॉ यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के सिल्विकल्चर एवं एग्रोफोरेस्ट्री विभाग ने इस महत्वपूर्ण अवसर को वृक्षारोपण अभियान के साथ चिह्नित करने के लिए पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के साथ हाथ मिलाया। मंगलवार शाम को आयोजित कार्यक्रम को भारत में 54वें राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के साथ मनाया गया, जो व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को बढ़ावा देने के पांच दशकों से अधिक के प्रयासों को रेखांकित करता है।
इस वर्ष के राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस की थीम एक सक्रिय सुरक्षा संस्कृति को बढ़ावा देने, कर्मचारियों की भलाई सुनिश्चित करने और दुर्घटना-मुक्त कार्यस्थलों को बनाए रखने के लिए संगठनों की जिम्मेदारी को मजबूत करने पर केंद्रित था। इस दिवस ने उद्योगों, शैक्षणिक संस्थानों और व्यक्तियों से स्थायी सुरक्षा प्रथाओं को अपनाने और सुरक्षा के लिए साझा जिम्मेदारी की संस्कृति विकसित करने का आह्वान किया।
इस मौके पर विश्वविद्यालय ने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ थीम के तहत एक वृक्षारोपण अभियान आयोजित किया गया जिसके दौरान सैलिक्स, बांस और हिमालयन मेपल के 700 पौधे लगाए गए। यह पहल पर्यावरणीय स्थिरता और कार्यस्थल सुरक्षा के प्रति दोहरी प्रतिबद्धता का प्रतीक है और इस विचार को मजबूत करती है कि सुरक्षा और पर्यावरण साथ-साथ चलते हैं।

इस कार्यक्रम में विभाग के हिमाचल प्रदेश पुलिस में डीआईजी (यातायात) और विभाग के पूर्व छात्र गुरदेव सिंह, सहित विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे। संकाय के साथ-साथ स्नातक और स्नातकोत्तर वानिकी छात्रों ने वृक्षारोपण में सक्रिय रूप से भाग लिया।अनुसंधान निदेशक डॉ. एस.के. चौहान, वानिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. सी. एल. ठाकुर, छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. एच.पी. सांख्यान, लाइब्रेरियन डॉ. डी.आर. भारद्वाज, पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से इंजीनियर दीपक भारद्वाज और सिल्विकल्चर और एग्रोफोरेस्ट्री विभाग के हेड डॉ. रोहित बिशिस्ट भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
इस कार्यक्रम ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सुरक्षा एक सामूहिक जिम्मेदारी है और उन्नत सुरक्षा प्रौद्योगिकियों को अपनाकर, जागरूकता फैलाकर और सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाकर, हम सभी एक सुरक्षित, स्वस्थ और अधिक टिकाऊ भविष्य में योगदान कर सकते हैं।