सोलन: हाब्बी मानसिंह कला केंद्र के संस्थापक जोगेंद्र हाब्बी ने प्रेस को जारी बयान में बताया कि गत दिवस हाब्बी मानसिंह कला केंद्र में इंडिया व एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने पर विजय उत्सव का आयोजन किया गया। हाब्बी मानसिंह कला केंद्र ने इस उपलक्ष में चूड़ेश्वर लोकनृत्य सांस्कृतिक मंडल व आसरा संस्था के उन कलाकारों को कलाधर व कला प्रहरी सम्मान से सम्मानित किया जिन कलाकारों ने जोगेंद्र हाब्बी के नेतृत्व में पिछले दस-बारह वर्षों से लोक नृत्य प्रतियोगिताओं में सक्रिय होकर के भाग लिया व प्रथम स्थान प्राप्त करने में अहम् भूमिका निभाई।
इस समारोह के मुख्य अतिथि सेवानिवृत्त निदेशक भाषा एवं संस्कृति विभाग, हिमाचल प्रदेश व पूर्व उपाध्यक्ष कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी, हि प्र, डॉक्टर प्रेम शर्मा रहे और कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्मश्री विद्यानंद सरैक द्वारा की गई। विशिष्ट अतिथियों में सहायक निदेशक, बिहारी लाल शर्मा, पूर्व सहायक निदेशक श्री बालकिशन शर्मा, जिला भाषा अधिकारी जिला शिमला अनिल हारटा, पझौता स्वतंत्रता सैनानी कल्याण समिति के अध्यक्ष जयप्रकाश चौहान रहे। प्रधान ग्राम पंचायत कोटला बांगी सुभाष ठाकुर, पूर्व जिला परिषद सदस्या शकुंतला प्रकाश, पूर्व प्रधान व समाजसेवी बलदेव हाब्बी आदि इस कार्यक्रम में विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में शामिल हुए।
इस समारोह में राम लाल वर्मा, सरोज कुमारी, धर्मपाल चौहान व गोपाल हाब्बी को कलाधर सम्मान-2023 से सम्मानित किया गया। इसी प्रकार चमनलाल, अनुजा, संदीप, बलदेव, जितेंद्र, चेतराम, रीना, मुकेश, प्रिया, चिरंजी, सोहनलाल, लीला वर्मा, हंसराज, मनमोहन, रविदत्त, वेद प्रकाश, पायल, सुनील, बिमला आदि कलाकारों को कला प्रहरी सम्मान-2023 से नवाजा गया।
इस समारोह में जय शिरगुल महाराज स्वयं सहायता समूह द्राबला व शल्हेच, हास्य कलाकार देशराज व साथी तथा चूड़ेश्वर मंडल व आसरा के कलाकारों की प्रस्तुतियां हुई। इस अवसर पर पद्मश्री विद्यानंद सरैक ने नाटी की चार विधाओं की प्रस्तुति दी और जोगेंद्र हाब्बी व सरोज की ढीली नाटी की प्रस्तुति का दर्शकों ने खूब आनंद लिया। इस समारोह में बलदेव हाब्बी, चेतराम हाब्बी, बीरसिंह अत्री व महिला मंडल जालग, द्राबला व शल्हेच ने इंडिया व एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने पर जोगेंद्र हाब्बी को अंग वस्त्र ओढ़ाकर उन्हें सम्मानित भी किया।
मुख्य अतिथि डॉक्टर प्रेम शर्मा ने अपने शब्दों में पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव में आती जा रही लोक संस्कृति के संरक्षण करने की आवश्यकता पर बल दिया उन्होंने कहा कि लोक संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन और विशुद्ध रूप से प्रस्तुत करते हुए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पटल पर अपनी पहचान बनाने के लिए जोगेंद्र हाब्बी व उनके सहयोगी कलाकारों को बधाई दी। पद्मश्री विद्यानंद सरैक ने भी उपस्थित दर्शकों को जहां विभिन्न लोक विधाओं से अवगत करवाया वहीं विभिन्न परिधानों, लोक गायन व लोकनृत्य की विधाओं के बारे में जानकारी दी। जयप्रकाश चौहान ने कहा पहाड़ी कलाकार संघ ने लोक संस्कृति के संरक्षण में बहुत महत्वपूर्ण कार्य किया है। उन्होंने कहा कि हाब्बी भी उस समय मानसिंह के बहुत बड़े कलाकार थे और उन गुमनाम कलाकार के नाम से कला केंद्र की स्थापना कर जोगेंद्र हाब्बी ने सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि माताएं बच्चों को लोक संस्कृति का सही ज्ञान प्रदान कर सकती हैं इसलिए आप माताओं बहनों का लोक संस्कृति के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान है।
इस अवसर पर सोलन लोककलाकार सुनीता, रासूमांदर से रमेश मेहता, जगमोहन मेहता व रमेश सरैक, सैनधार से नरवीर पवांर, सतेंदर ठाकुर व पूर्ण ठाकुर, डिम्मन क्षेत्र से कुंदन सिंह ठाकुर व प्रेम पाल आर्य राजगढ़ से मदन तोमर, विजेन्द्र ठाकुर व देशराज पझौता क्षेत्र के पदम सिंह, अमर सिंह, महेन्द्र हाब्बी, वीरेंद्र हाब्बी, गोविंद दिनेश, तुलसीराम, राजेंद्र हाब्बी सहित विभिन्न क्षेत्रों से आए कला संस्कृति से जुड़े महानुभावों व कला प्रेमियों सहित जालग, द्राबला, शल्हेच, धनिया सैर व नरोट आदि गांवों के ग्रामवासी इस कार्यक्रम में शामिल हुए।