नाहन : नाहन-पांवटा साहिब मुख्य सड़क से बोलयों के माध्यम से कटते गांवों – संभालका, नलका, अगड़ीवाला और हरिपुर खोल में हर साल मानसून के समय सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इन रास्तों से करीब 8,000 से अधिक ग्रामीणों का रोज़मर्रा का आना-जाना जुड़ा है, लेकिन बीते कुछ वर्षों से लगातार खराब सड़कें इनकी मुश्किलें बढ़ा रही हैं।
स्थानीय निवासी लकी शर्मा बताते हैं, “हर साल बरसात में यही हाल होता है। सड़क कीचड़ और जलभराव में डूब जाती है। स्कूली बच्चों, बुजुर्गों और बीमारों को बहुत दिक्कत होती है। कई बार PWD को शिकायत दी गई, अधिकारी भी आए, लेकिन समाधान सिर्फ कागज़ों तक ही सीमित रह गया।”

गांव नलका की निवासी रीना देवी, जो एक गृहिणी हैं, कहती हैं, “बरसात में सड़क नाले जैसी बहने लगती है। बच्चों को स्कूल भेजना तक मुश्किल हो जाता है। फिसलन इतनी होती है कि कोई वाहन नहीं पहुँच सकता।”
गांव अगड़ीवाला के राकेश ठाकुर भी हालात से बेहद नाराज़ हैं। वे कहते हैं, “PWD के लोग आते हैं, फोटो खींचते हैं और चले जाते हैं। न कोई टेंडर पास होता है, न पक्की सड़क बनती है। हर साल हालात और खराब हो रहे हैं।”
गौरतलब है कि इन ग्रामीण रास्तों को 2022 में ही मरम्मत कर पक्का किया गया था, लेकिन दो ही साल में सड़कें फिर से जर्जर हो गईं। ग्रामीणों की मांग है कि इस मुद्दे को मुख्यमंत्री स्तर पर उठाया जाए ताकि इन गांवों के लिए स्थायी और मजबूत सड़क निर्माण हो सके।