शिमला आईजीएमसी में स्वास्थ्य सेवाएं वेंटीलेटर पर: गौरव शर्मा

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By Hills Post

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी शिमला में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से चरमरा गई है। अस्पताल प्रबंधन इस और कोई ध्यान नहीं दे रहा है, अस्पताल में मशीनरी महीनों से खराब पड़ी है और अस्पताल प्रबंधन अस्पताल से गायब है | यह बात आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता गौरव शर्मा ने आज शिमला में कही।

गौरव शर्मा ने कहा कि अस्पताल प्रबंधन अपने विधानसभा क्षेत्र में घर-घर जाकर चुनाव प्रचार करने में जूता है । अस्पताल में चरमराती स्वास्थ्य सेवाओं के चलते प्रदेश भर के हजारों लोगों को रोजाना दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश की चरमराती स्वास्थ्य सेवा पर आम आदमी पार्टी ने सरकार को कठघरे में खड़ा किया है | उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं वेंटीलेटर पर है।

गौरव शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री अपनी मौज मस्ती में व्यस्त होकर इन दिनों शिलान्यास और उद्धघाटन के कार्यक्रमों में व्यस्त हैं | उन्होंने कहा कि प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल IGMC में 21 मई से मरीजों के टेस्ट करने का जिम्मा संभाल रही एस आर एल लैब का अनुबंध समाप्त हो गया, लेकिन नई लैब कृष्णा कंपनी एक माह बाद भी अपना कार्य शुरू नहीं कर पाई है। ऐसे में प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजमी है |

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के आईजीएमसी अस्पताल में इन दिनों रोजाना 3000 से ज्यादा ओपीडी रहती है लेकिन जब मरीजों को अपनी जांच के लिए टेस्ट करवाने पड़ते हैं तो उन्हें मजबूरी में निजी लैब का रुख करना पड़ता हैं जहां हजारों रुपए खर्च करने पड़ते हैं। अस्पताल के भीतर टेस्ट की डेट मरीजों को कई दिनों के बाद की दी जा रही है। इसके अतिरिक्त सिटी स्कैन और MRI की टेस्ट की डेट 2-2 माह बाद दी जाती है।

गौरव शर्मा ने बताया कि करीब 10 साल पहले जो टेस्ट सुविधा लोगों को सरकार के द्वारा दी जाती थी उसे सरकार ने अपने चहेते लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए निजी क्षेत्र में SRL कंपनी को दे दी जो 10 साल तक पहले से ज्यादा रेट पर लोगों को टेस्ट सुविधा देती रही | उन्होंने कहा कि आखिर कब तक अस्पताल आने वाले मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि अस्पताल के भीतर  करोड़ों रुपए की लागत से सीटी स्कैन,MRI मशीन, अल्ट्रासाउंड जैसी जांच मशीनें अस्पताल खराब रहती हैं लेकिन सरकार न तो इन मशीनों की सुध लेती है और न ही स्वास्थ्य सेवा को दुरुस्त करवा पा रही है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री अपने गृह जिला से ही बाहर नहीं निकल पाते हैं और सीएम सचिवालय से स्वास्थ्य सेवा का हाल जानने के लिए चंद किलोमीटर दूर IGMC नहीं पहुंच सकते | उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार से पूछना चाहती है कि आखिर भाजपा सरकार जनता के प्रति इतनी संवेदनहीन क्यों है।

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