नाहन : आज जिला परिषद भवन नाहन में हिमाचल ज्ञान-विज्ञान समिति, जिला सिरमौर की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता संतराम चौहान ने की, जिसमें राज्य सचिव सत्यवान पुंडीर विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक में चिट्टा (नशे) विरोधी अभियान को लेकर गहन चर्चा हुई और इस अभियान के प्रभावी परिणामों पर प्रकाश डाला गया।
सत्यवान पुंडीर ने अपने संबोधन में बताया कि चिट्टा विरोधी अभियान ने राज्य स्तर पर व्यापक समर्थन हासिल किया है। उन्होंने कहा, “हमारे निरंतर प्रयासों और जन जागरूकता के कारण हिमाचल प्रदेश सरकार इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए सख्त कानून बनाने को मजबूर हुई है। यह अभियान अब केवल एक संगठन की पहल नहीं, बल्कि पूरे समाज का आंदोलन बन चुका है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि नशे के खिलाफ यह लड़ाई युवाओं को बचाने और समाज को स्वस्थ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

बैठक में निर्णय लिया गया कि सिरमौर जिला में पंचायत स्तर पर ज्ञान-विज्ञान समिति 2 अप्रैल से 30 अप्रैल तक एक विशेष जन संपर्क अभियान चलाएगी। इस अभियान का उद्देश्य ग्रामीण स्तर पर लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करना और चिट्टा विरोधी मुहिम को और मजबूत करना है। हिमजनक मंच के अध्यक्ष के० एस० नेगी ने इस दौरान बताया कि जिला स्तर पर एक कला जत्था तैयार किया जाएगा, जो नशे के खिलाफ संदेश को नाटक, गीत और अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से जनता तक पहुंचाएगा। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि खण्ड स्तर पर भी इन प्रस्तुतियों का आयोजन किया जाए, ताकि हर गांव तक यह संदेश पहुंचे।”
के० एस० नेगी ने आगे कहा कि चिट्टा बेचने वालों के खिलाफ जनमत तैयार करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। इसके लिए समिति पुलिस और प्रशासन के साथ मिलकर तालमेल स्थापित करेगी। उन्होंने जोर देकर कहा, “नशा तस्करों के खिलाफ समाज को एकजुट करना हमारी प्राथमिकता है। पुलिस और प्रशासन के सहयोग से हम इस अभियान को और प्रभावी बनाएंगे।”
बैठक में वीरेंद्र कपूर, जगतराम रमौल, विश्वनाथ शर्मा, जीवन शर्मा और संतोष कुमार सहित कई प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे। इन सभी ने अभियान को सफल बनाने के लिए अपने सुझाव साझा किए। वीरेंद्र कपूर ने सुझाव दिया कि स्कूलों और कॉलेजों में भी जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, ताकि युवा पीढ़ी को नशे की लत से बचाया जा सके। वहीं, जगतराम रमौल ने ग्रामीण महिलाओं को इस अभियान से जोड़ने पर बल दिया।
बैठक के अंत में संतराम चौहान ने सभी सदस्यों से अपील की कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में इस अभियान को गति दें और लोगों को इसके साथ जोड़ें। उन्होंने कहा, “यह केवल हमारी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हमारा नैतिक कर्तव्य है कि हम अपने समाज को नशे के इस अभिशाप से मुक्त करें।” बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने इस संकल्प को दोहराया और आगामी जन संपर्क अभियान के लिए रणनीति तैयार की।