सोलन: हिमाचल प्रदेश में काबिज कांग्रेस सरकार ने पिछली जयराम सरकार के समय में खोले गए कुछ स्कूलों को बंद करने का जो फैसला लिया है, इसका हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ सोलन ने कड़ा संज्ञान लिया है। संघ ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह इस फैसले पर पुनर्विचार  करें ताकि ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों पर इसका प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

हिमाचल प्रदेश प्रवक्ता संघ जिला सोलन इकाई  ने यहां एक बैठक की गई, जिसमें हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा हाल ही में खोले गए कुछ स्कूलों को बंद करने की फैसले का विरोध किया गया। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश प्रवक्ता संघ जिला सोलन ने सरकार से मांग की कि पिछले वर्ष खोले गए + 2 के स्कूलों को बंद करने के फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए ताकि आम जनता और स्कूली बच्चों  को समस्याओं का सामना न करना पड़े।

प्रवक्ता संघ जिला सोलन मुख्यमंत्री से आग्रह किया की वे अपने फैसले पर पुनर्विचार करते हुए स्कूलों को बंद करने के फैसले को वापस लें और  इस विषय पर संख्या का ध्यान जरूर रखा जाए। जिला प्रवक्ता संघ के अध्यक्ष चंद्रदेव ठाकुर, महासचिव भगत जगोता, वरिष्ठ उपाध्यक्ष भूपेंद्र शर्मा  और रविंद्र वर्मा, संगठन मंत्री  जय लाल जलपैक, कोषाध्यक्ष जगदीश चंद्र वर्मा, सोहन लाल, रजनीश राणा मनीष कुमार, प्रदीप शर्मा और महिला विंग की अध्यक्ष बिमला कुमारी व शोभा शर्मा, रंजना कुमारी सभी ने सरकार से आग्रह किया कि इस विषय पर सरकार एक बार  पुनर्विचार करें।

संघ का कहना है कि कुछ स्कूल वर्ष 2022 में जुलाई माह में खुले थे।  मध्य सत्र होने से बच्चे अपना पहला स्कूल छोड़ कर नहीं आते। अब मैट्रिक की परीक्षाओं के बाद एडमिशन शुरू होगी तो अपग्रेड स्कूलों में संख्या बढ़ेगी। इसलिए सरकार को चाहिए कि वह छात्रों की संख्या का आधार 28 फरवरी न मान करने 30 अप्रैल करें ताकि बच्चों की सही संख्या का पता चल सकें। इसके बाद कम संख्या वाले स्कूलों को सरकार चाहे तो बंद कर दें। प्रवक्ता संघ के पदाधिकारियों ने कहा  कि विद्यालयों को 28 फरवरी के संदर्भ में बंद करने के बजाए अप्रैल माह तक का समय दिया जाए।

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