शिमला: हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय (HPTU) में सात कर्मचारियों की नियुक्तियों में घपलेबाजी का पर्दाफाश तब हुआ, जब सभी लोगों के नाम वाला नियुक्ति पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पत्र में कथित तौर पर राजनीतिक संबंध रखने वाले एचपीटीयू के पूर्व कर्मचारियों और रिश्तेदारों या अधिकारियों के निकट और प्रियजनों के नाम थे।
आरोप लगाया जा रहा है कि विश्वविद्यालय ने 3.75 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से स्थापित एक डेटा सेंटर और एक वेब स्टूडियो के प्रबंधन और संचालन के लिए 25,000 रुपये से 50,000 रुपये तक के वेतन पर सात कर्मचारियों को नियुक्त किया। यह नियुक्तियां विश्वविद्यालय ने आउटसोर्स के आधार पर की और अपने रिश्तेदारों को नौकरी दे दी | दिलचस्प बात यह है कि नियुक्त पदों के लिए कोई काम ही नहीं है |
आरोप है कि यह नियुक्तियों रजिस्ट्रार कार्यालय को बिना बताए ही कर दी गई थी, जो कि इस परिसर का सर्वोच्च प्रशासनिक कार्यालय है क्योंकि यहां कुलपति का पद जुलाई 2021 से खाली है।
नियुक्तियों में एक अधिकारी के बेटे की नियुक्ति को लेकर सवाल उठे है और पदों को भरने के लिए जो प्रकिया अपनाई गई उसमें भी गोलमाल बताया जा रहा है | उल्लेखनीय है की जिन सात पदों के लिए लेटर भेजा गया है उसमें इंचार्ज डाटा सेंटर, इंचार्ज डाटा ऑपरेटर सेंटर और इंचार्ज वेब स्टूडियो के अतिरिक्त टेक्निकल असिस्टेंट डाटा ऑपरेटर, टेक्निकल असिस्टेंट आरपी सेंटर, टेक्निकल असिस्टेंट वेब स्टूडियो और कैमरामैन के पद शामिल है.
वहीं रजिस्ट्रार ने कहा कि नियुक्तियों की प्रक्रिया वित्त अधिकारी के कार्यालय द्वारा अमल में लाई गई और इस विषय में उनसे परामर्श नहीं किया गया था | उन्होंने कहा कि यदि कर्मचारियों के चयन में कोई गड़बड़ी हुई है, तो प्रक्रिया इस की समीक्षा की जा सकती है।