शिमला: हिमाचल सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों के मामलों को जल्द हल करना चाहती है और कर्मचारियों की मांगों को हल करने की मंशा से सरकार ने एक तीन सदस्यीय मंत्रिमंडीलय उप समिति का गठन किया गया है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने यह बात आज यहां आउटसोर्स कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों, बोर्ड और निगमों में लगभग 30 हजार आउटसोर्स कर्मचारी कार्यरत है। हिमाचल सरकार इन कर्मचारियों के कल्याण के लिए चिंतित है और सरकार ने गत दिसम्बर माह में सभी विभागों के साथ एक आदर्श निविदा साझा करते हुए प्रत्येक आउटसोर्स कर्मचारी को पे-स्लिप देना अनिवार्य किया है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने विभिन्न विभागों में कार्यरत पैरा-वर्कर्स के मानदेय मेें उल्लेखनीय वृद्धि की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि पीटीए और एसएमसी अध्यापकों के कल्याण के लिए भी राज्य सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2022-23 के बजट में आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम 10500 रुपये प्रतिमाह प्रदान करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि इसे मिलाकर वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में आउटसोर्स वर्कर्स के वेतन में बढ़ोतरी 4200 रुपये हो जाएगी।
इससे पूर्व हिमाचल प्रदेश स्कूल लैक्चरर एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी मुख्यमंत्री से भेंट की और प्रवक्ता (स्कूल कैडर) और प्रवक्ता (स्कूल न्यू) का पदनाम प्रवक्ता (स्कूल) करने की घोषणा पर उनका आभार व्यक्त किया।
जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने इस बार के बजट में जल शक्ति विभाग के मल्टीपर्पज वर्कर्स, पैरा फिटर्स एवं पम्प ऑपरेटरों के अनुदान में 900 रुपये प्रतिमाह की बढ़ोतरी की घोषणा के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
आउटसोर्स इम्पलाइज यूनियन के अध्यक्ष शैलेन्द्र शर्मा ने मुख्यमंत्री को यूनियन की विभिन्न मांगों से अवगत करवाया और बजट में आउटसोर्स कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी के लिए उनका आभार व्यक्त किया। ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।