17 से 28 मार्च तक आयोजित होगा होली मेला मैड़ी – उपायुक्त

ऊना : उत्तर भारत का प्रमुख धार्मिक आयोजन होली मेला मैड़ी इस वर्ष 17 से 28 मार्च तक आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान 25 मार्च को निशान साहिब(झंड़ा चढ़ाने) की रस्म अदा की जाएगी। जबकि 27 मार्च की मध्यरात्रि को पंजा प्रसाद वितरित किया जाएगा। यह जानकारी उपायुक्त जतिन लाल ने इस संबंध में मैड़ी में आयोजित बैठक के दौरान दी।

उन्होंने बताया कि मेले के सफल आयोजन के लिए अतिरिक्त उपायुक्त ऊना मेला अधिकारी तथा एसडीएम अम्ब को सहायक मेला अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसके अलावा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ऊना को मेला पुलिस अधिकारी तथा डीएसपी अम्ब को सहायक मेला पुलिस अधिकारी नियुक्त किया गया है।

Holi Fair Maidi

उपायुक्त ने बताया कि मेला क्षेत्र में विभिन्न व्यवस्थाओं के सुचारू संचालने के लिए मेला क्षेत्र को दस सेक्टरों में बांटा गया है ताकि यातायात, पार्किंग तथा स्वच्छता सहित अनेक प्रकार की अन्य व्यवस्थाओं का सुचारू संचालन सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने बताया कि मेला स्थल के विभिन्न क्षेत्रों में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग व आयुष विभाग द्वारा विभिन्न स्थानों पर चिकित्सा कैम्प लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि मेले में खुले ट्रको तथा अन्य वाणिज्यक वाहनों में आना प्रतिबंधित है इसलिए मेले में आने के लिए सभी यात्री केवल यात्री वाहनों का ही प्रयोग करें।

उपायुक्त ने बताया कि यात्रियों की सुविधाओं तथा आवश्यकताओं के अनुसार अतिरिक्त बसें भी चलाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में रात 10 बजे से लेकर सुबह 6 बजे तक लाउड स्पीकर लगाने पर प्रतिबंध रहेगा। उपायुक्त ने मैड़ी स्थित विभिन्न धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों एवं प्रतिनिधियों तथा सीमावर्ती ग्राम पंचायतों के जन प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे मेले के सफल आयोजन में हर संभव योगदान दें। 

बैठक के उपरांत उपायुक्त ने मेला क्षेत्र के विभिन्न स्थनों में जाकर विभिन्न स्थलों का निरीक्षण कर संबंधित विभागीय अधिकारियों को यातायात, पार्किंग, पेयजल तथा विद्युत वितरण के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव भाटिया, एसडीएम अम्ब विवेक महाजन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संजीव वर्मा, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ ज्योति कंवर, खंड विकास अधिकारी अम्ब ओमपाल डोगरा, एचआरटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक सुरेश धीमान सहित विभिन्न धार्मिक स्थलों के संचालक तथा सीमावर्ती ग्राम पंचायतों के जन प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

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