सोलन: एस.सी.ई.आर.टी. सोलन में हिमाचल प्रदेश में होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड (एच.पी.सी.) के कार्यान्वयन पर दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला संपन्न हुई। समग्र प्रगति कार्ड (एच.पी.सी.) एन.सी.ई.आर.टी. द्वारा परख पहल के तहत प्रोफेसर इंद्राणी भादुड़ी प्रमुख परख एन.सी.ई.आर.टी. नई दिल्ली के नेतृत्व और मार्गदर्शन में मूल्यांकन की एक अच्छी तरह से डिजाइन की गई योजना है।
एचपीसी का उद्देश्य छात्रों को उनके समग्र सीखने के ग्राफ को जानने के लिए समझना है। बाल विकास के संज्ञानात्मक डोमेन के अलावा शारीरिक, शैक्षणिक, सामाजिक और भावनात्मक पर जोर दिया जाता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 की विशेषता एक ऐसे दृष्टिकोण से है जो सीखने और आकलन के पारंपरिक ज्ञान अधिग्रहण मॉडल से हटकर योग्यता आधारित शिक्षा और मूल्यांकन की ओर ले जाती है योग्यता आधारित शिक्षण-अध्यापन के मूल्यांकन में सहायता के लिए 360 डिग्री समग्र प्रगति कार्ड विकसित किया गया है, जिससे मूल्यांकन को अधिक व्यापक और समग्र बनाया जा सके।
कार्यक्रम का संचालन समन्वयक सुनीता कुमारी राज्य एनएएस/परख समन्वयक तथा डॉक्टर संजीव डायट शिमला द्वारा किया गया। प्रोफेसर हेमंत कुमार प्रिंसिपल एससीईआरटी हिमाचल प्रदेश के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संपन्न हुई। परख एनसीईआरटी नई दिल्ली की आर पी डॉ. गिरिजा रावत और ज़हरा काज़मी ने अनुकूलित प्रस्तुतियों, गतिविधियों और इंटरेक्टिव सत्रों के माध्यम से सामग्री के अपने रचनात्मक लेन-देन के साथ प्रशिक्षुओं को जोड़ा।
प्रशिक्षुओं ने फीडबैक के माध्यम से एससीईआरटी हिमाचल प्रदेश द्वारा उनके 360 डिग्री विकास और वृद्धि के लिए विभिन्न स्तरों पर छात्रों के मूल्यांकन में नवीनतम रुझानों से अवगत कराने के लिए उठाए गए कदम की सराहना की। तीन चरणों यानी आधारभूत, प्रारंभिक, मध्य चरणों के लिए एचपीसी पर चर्चा की गई। प्रशिक्षुओं ने सीखने के दौरान छात्रों का आकलन करने के लिए डिज़ाइन की गई विशिष्ट गतिविधियों के साथ अनुकरणीय सामग्री पर काम किया।
मूल्यांकन में नवीनतम रुझानों में राज्य भर में हमारे शिक्षकों को संवेदनशील बनाने के मिशन को आगे बढ़ाने के लिए अगले चरण की घोषणा जल्द ही की जाएगी। इस दो दिवसीय कार्यशाला में पूरे हिमाचल के 11 जिलों से लगभग 82 शिक्षक (टीजीटी, जेबीटी और जिला मूल्यांकन समन्वयक) शामिल हुए।