सोलन: सहयोग बढ़ाने और अनुसंधान प्रयासों को कारगर बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम में हिमाचल के दो प्रमुख राज्य कृषि विश्वविद्यालयों ने बुधवार को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी और चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर अकादमिक और अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एकजुट हुए हैं। इस समझौते का उद्देश्य पारस्परिक हित के क्षेत्रों में संयुक्त अनुसंधान प्रोजेक्ट, संकाय और छात्र एक्सचेंज कार्यक्रमों, संयुक्त सम्मेलनों, सेमिनार और कार्यशालाओं का आयोजन करना होगा।
इस समझौते पर नौणी विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. संजीव चौहान और कृषि विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. सुरेश उपाध्याय ने कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. डीके वत्स की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए। समझौता ज्ञापन पांच वर्षों के लिए प्रभावी रहेगा।
इस अवसर पर नौणी विवि के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने कहा कि यह समझौता दोनों संस्थानों को अनुसंधान प्रयासों की दुपलिकेशन से बचने और संयुक्त गतिविधियों के लिए एक रूपरेखा तैयार करने के लिए एक तंत्र स्थापित करने में मदद करेगा। विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर डिग्री कार्यक्रम में छात्रों को एक दूसरे के विश्वविद्यालय में अपनी पढ़ाई का कुछ हिस्सा पूरा करने का अवसर देगा।
प्रोफेसर चंदेल ने इस समझोते के तहत आपसी अनुसंधान हित के क्षेत्रों में संयुक्त परियोजनाओं को विकसित करने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उच्च प्रभाव वाले प्रकाशनों और पेटेंट को बढ़ाने के लिए, दोनों विश्वविद्यालय अपने प्रमुख अनुसंधान एवं विकास सुविधाओं को एक दूसरे के साथ साझा करेंगे, जिससे प्राथमिकता वाले विज्ञान और प्रौद्योगिकी कार्यक्रमों में उनका सहयोग तेज होगा।