जानें कैसे तेज गेंदबाज से स्पिनर बनी भारत के लिए डेब्यू करने वाली हिमाचल की बेटी तनुजा

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नाहन : अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट जगत में ऑल राउंडर तनुजा कंवर हिमाचल प्रदेश से भारत की टीम में खेलने वाली वाली चौथी खिलाड़ी बन गई हैं। जिसमें सबसे पहले वर्ष 2013 में सुषमा वर्मा, 2017 हरलीन देयोल, 2022 से रेणुका सिंह और अब 2024 में तनुजा कंवर शामिल हुई हैं। तनुजा कंवर ने रविवार को दांबुला में आयोजित एशिया कप में UAE के खिलाफ अपना पहला अंतरराष्ट्रीय मैच खेला। इस मैच में तनुजा ने चार ओवर में 14 रन देकर एक विकेट हासिल किया।।

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तनुजा कंवर के कोच पवन सेन ने हिल्स पोस्ट से बात करते हुए बताया कि उनके लिए हर्ष का विषय है कि उनकी अकादमी की एक और बेटी भारत के लिए खेलकर प्रदेश और देश का नाम ऊँचा किया है। उन्होंने बताया कि तनुजा ने 2013 में HPCA की अकादमी में आयी थी और वह बाएं हाथ से तेज गेंदबाजी करती थी। पहले साल वह U-19 तेज गेंदबाज के रूप में खेली, पर उन्होंने ने उनकी लम्बाई और टीम में स्पिनर की जगह को देखते हुए उनको बाएं हाथ से स्पिनं गेंदबाजी करने को प्रेरित किया।

उस समय हिमाचल की सीनियर टीम में तेज गेंदबाज काफी थे, पर एक अच्छे स्पिनर की कमी थी। हालांकि तनुजा शुरू में थोड़ी हिचकिचाहट में थी, क्योंकि उनका सपना एक तेज गेंदबाज बनने का था। निरंतर अभ्यास और लगन से वो आज एक शानदार स्पिन गेंदबाज हैं।

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पवन सेन ने बताया कि तनुजा एक पूर्ण आलराउंडर है, उनकी गेंदबाजी के साथ साथ बल्लेबाजी और फील्डिंग भी शानदार है। तनुजा जब हिमाचल के लिए खेलती थी, तब वो 5वें और छठे क्रम पर बल्लेबाजी करती है। इन्होने हिमाचल की टीम को बल्लेबाजी के दम पर भी बहुत मैच जिताये हैं। परन्तु जबसे वो रेलवे के लिए खेलने गयी तो उन्हें काफी निचले क्रम पर बल्लेबाजी करवाई गई जिससे उनकी आलराउंड प्रतिभा को और निखरने का मौका नहीं मिला।

वहीं तनुजा के पिता और गांव के लोग अपनी बेटी के भारत के लिए खेलने को लेकर बहुत खुश हैं, उनके पिता ने बताया कि तनुजा की दसवीं तक की पढ़ाई ठियोग के कुठार में हुई है। उनके पिता ने बताया कि तनुजा बचपन में वॉलीबाल और बैडमिंटन की खिलाडी रह चुकी है। अपने गाँव में ही तनुजा लड़को के साथ क्रिकेट खेला करती थी। उनके HPCA अकादमी में चुने जाने की पीछे भी बड़ी मजेदार कहानी है। तनुजा अपने पिता के साथ HPCA के चयन के लिए सोलन आयी और सोलन आ कर उन्हें पता चला कि लड़कियों का चयन तो ऊना में होना है। सोलन में चयनकर्ता ने उनसे बॉलिंग करवाई और उनकी स्किल देख कर कहा कि आप कल ऊना चले जाओ और कल चयन की अंतिम तिथि है, आपकी बेटी का चयन हो जायेगा। इस तरह उनका चयन धर्मशाला के लिए हुआ।

जहां से उन्होंने अपनी बारहवीं कक्षा की पढाई भी की । इसी दौरान उनका चयन हिमाचल की U-19 में भी हो गया। उन्होंने अपनी आगे की पढाई गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर से की। इस दौरान वो हिमाचल की टीम और यूनिवर्सिटी दोनों की टीम से खेलती रही।
इनके पिता प्रताप सिंह खेती करते है और माता आशा देवी ग्रहणी है। उनकी बड़ी बहन शालू की शादी हो चुकी है और भाई नितिन कंवर ने अभी बीएससी की है।

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