नाहन: आज के डिजिटल दौर में सोशल मीडिया एक मजबूत माध्यम बन चुका है, जहाँ लोग अपनी बात बेझिझक रख सकते हैं। लेकिन जब बात शहर की सफाई की होती है, तो अधिकांश लोग बिना सोच-समझ के सीधे नगरपालिका को कटघरे में खड़ा कर देते हैं। अक्सर सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो वायरल होते हैं जिनमें सड़कों, गलियों या बाजारों में फैला कूड़ा दिखता है। लोग सवाल उठाते हैं, नाराज़गी जताते हैं, और जिम्मेदारों को दोषी ठहराते हैं। लेकिन क्या कभी किसी ने यह सोचा कि यह कूड़ा आखिर आता कहां से है? और फेंकता कौन है?
बीती रात करीब 9:30 बजे, नगरपालिका की कूड़ा उठाने वाली गाड़ी जब एक इलाके से गुजर रही थी, तो ठीक उसके दस कदम पीछे ही एक व्यक्ति ने सड़क पर खुलेआम कूड़ा फेंक दिया। आश्चर्य की बात यह है कि वह व्यक्ति मात्र दस कदम चलकर कूड़ा सीधे गाड़ी में डाल सकता था, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। यह घटना न केवल लापरवाही दर्शाती है, बल्कि साफ-साफ बताती है कि अब गंदगी की समस्या सिर्फ व्यवस्था की नहीं, बल्कि सोच और मानसिकता की बन चुकी है।

हालाँकि नाहन में डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण की पूरी सुविधा है। हर दिन नगरपालिका के लोग घर-घर जाकर कूड़ा इकट्ठा करती हैं, लेकिन इसके बावजूद कई लोग सड़कों को ही कूड़ेदान समझते हैं और उन्हें गंदा करने से ज़रा भी संकोच नहीं करते।
नगरपालिका ने शहर को साफ़ और सुंदर बनाए रखने के लिए कई कदम उठाए हैं। नगर पालिका के कार्यकारी अध्यक्ष के अनुसार, नाहन में कूड़ा इकट्ठा करने के लिए कुल 9 गाड़ियाँ, 1 थ्री-व्हीलर और 1 ट्रैक्टर तैनात किए गए हैं। ये सभी वाहन सुबह 6:30 बजे से लेकर रात 11:00 बजे तक शहरभर में सफाई कार्य में लगे रहते हैं। इसके अलावा 50 कर्मचारी रोजाना घर-घर जाकर डोर-टू-डोर कूड़ा इकट्ठा करते हैं।
इतना ही नहीं, नगर पालिका के अंतर्गत लगभग 130 सफाई कर्मचारी रोज़ाना बाजारों, मुख्य सड़कों और सार्वजनिक स्थलों की सफाई का कार्य करते हैं। लेकिन समस्या तब खड़ी होती है जब लोग सफाई के थोड़ी देर बाद ही दोबारा गंदगी फैला देते हैं। यह स्थिति सिर्फ सफाई व्यवस्था की नहीं, नागरिक मानसिकता की भी पोल खोलती है।
नगर पालिका कार्यकारी अध्यक्ष ने बताया कि अब ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें पहले नोटिस जारी किया जाएगा। यदि फिर भी वे नहीं सुधरे तो नगर पालिका उनके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई करेगी। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे अपने घरों में सूखा और गीला कूड़ा अलग-अलग करें, समय पर कूड़ा गाड़ी को दें और सार्वजनिक स्थलों को गंदा न करें।
उन्होंने यह भी कहा कि सिर्फ नगरपालिका ही नहीं, पूरे शहर की सफाई तभी संभव है जब हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझे और निभाए। सोशल मीडिया पर वीडियो बनाना और दूसरों को कोसना आसान है, लेकिन अपने व्यवहार में बदलाव लाना सबसे कठिन काम है। और आज वही ज़रूरत है।
नाहन, जिसे एक समय “नगीना” कहा जाता था, दोबारा उसी पहचान को हासिल कर सकता है, लेकिन उसके लिए ज़रूरी है कि हम अपनी सोच और आदतों को बदलें। यह शहर सिर्फ नगरपालिका का नहीं, आपका अपना शहर है। आइए, इसे मिलकर साफ, सुंदर और स्वाभिमानी बनाएं।