सोलन: जे.पी. सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (JUIT) वाकनाघाट में एच.आर. कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन किया गया। कॉन्क्लेव में मानव संसाधन के उभरते परिदृश्य, कैंपस में भर्ती और डिजिटल युग में प्रतिभा की तत्परता पर चर्चा करने के लिए मानव संसाधन, कॉर्पोरेट जगत के दूरदर्शी लोगों ने भाग लिया । कार्यक्रम में व्यावहारिक मुख्य सत्र, पावर-पैक पैनल चर्चा और एक उत्साही छात्र-उद्योग आदान-प्रदान शामिल था।

सम्मेलन की शुरुआत दीप प्रज्वलित करते हुए की गई, जिनमें नरिंदर अहलूवालिया (EVP, Covalience), देबाशीष घोष (Sr. VP, Berkadia), प्रो. (डॉ.) राजेंद्र कुमार शर्मा (कुलपति, जे.यू.आई.टी.), सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर आर.के. शर्मा (रजिस्ट्रार और छात्र डीन, जे.यू.आ.ईटी.), सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर संजय डावर (T & P Head, JIIT), प्रो अशोक कुमार गुप्ता (डीन-अकादमिक, जे.यू.आई.टी.), प्रो सुधीर कुमार (डीन-रिसर्च एंड इंटरनेशनलाइजेशन), प्रो सुनील कुमार खाह (डीन-एक्रीडिटेशन), प्रो. तीरथ राज सिंह (मीडिया प्रभारी, जे.यू.आई.टी.), संजय तेवतिया (सहायक रजिस्ट्रार, अकादमिक), डॉ सौरभ बंसल (संकाय प्रभारी, टी एंड पी, जेयूआईटी), पंकज मंटा (टी एंड पी समन्वयक, जेयूआईटी). प्रोफेसर हेमंत सूद ने समारोह की संचालिका के रूप में अतिथियों का स्वागत किया तथा अकादमिक-उद्योग तालमेल को बढ़ाने में इस कार्यक्रम की भूमिका पर जोर दिया।

इस अवसर पर नरिंदर अहलूवालिया द्वारा यूनिवर्सिटी कैंपस से कॉर्पोरेट जगत तक के सफर की बारीकियों के लिए फ्रेशर्स को तैयार करने के विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने विश्वविद्यालय के छात्रों को कार्यस्थल की तैयारी और नेतृत्व के विषयों पर भी अपने अनुभव साझा किए। देबाशीष घोष ने साइबर खतरों में जनरेटिव AI, मानव संसाधन, साइबर सुरक्षा और भविष्य की तकनीकों के बारे में बताया।

नरिंदर अहलूवालिया ने कहा कि अब जे.यू.आई.टी. अपनी प्रगति के पथ पर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जे.यू.आई.टी. के सी.ई.ओ. मनु भास्कर गौड़ का विजन (JUIT) को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। JUIT के प्रशिक्षण और प्लेसमेंट सेल समन्वयक पंकज मंटा ने इस कार्यक्रम के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस दौरान करियर की तैयारी में तेजी लाने और इंटर्नशिप और व्यावहारिक परियोजनाओं के विषयों पर भी चर्चा की गई। ऋषिका वर्मा वोहरा, करिश्मा शर्मा (ई.वाई.), संजीव दोशी (आरसीएफएल), नरेंद्र शर्मा (एनटीपीसी), माधुरी सांख्यान (पैक्सकॉम), जाह्नवी सिंह (एसईओ डिस्कवरी) और प्रो. आर.के. शर्मा (वीसी, जेयूआईटी) ने चर्चा में अनुभवात्मक शिक्षा के प्रभाव को रेखांकित किया गया और संस्थानों से अकादमिक पाठ्यक्रम में वास्तविक दुनिया की परियोजनाओं को शामिल करने का आग्रह किया गया।