नाहन : अगर मन में कुछ बड़ा करने की चाहत हो, तो हर मुश्किल घुटने टेक देती है। नाहन की बेटी काजल चौधरी ने ऐसा ही एक मिसाल कायम की है। काजल उन नौजवानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं, जो छोटी सी नाकामी से हताश हो जाते हैं।
काजल चौधरी ने एक के बाद एक चार बड़ी प्रतियोगी परीक्षाओं को पास कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। कबिले जिक्र है कि आरक्षित श्रेणी में होने के बावजूद उन्होंने इसका लाभ न उठाते हुए सभी परीक्षाएं सामान्य श्रेणी से उतीर्ण की।

अब काजल एम्म ऋषिकेश में बतौर नर्सिंग ऑफिसर सेवाएं देंगी। हालांकि इससे पहले उन्होंने मई 2024 में मिलिट्री नर्सिग/लेफ्टिनेट की परीक्षा पास की थी। बड़े स्तर की परीक्षा पास करने के बाद परिवार, अन्य दोस्तों व संबधियों द्वारा उन्हें इस पद पर सेवाएं शुरू करने के लिए दबाव बनाया गया। लेकिन उनका सपना एम्स में सेवाएं देने का था। जिसके बाद उन्होंने इस पद पर नियुक्ति नहीं की। इसके साथ ही उन्होंने अपने सपने को साकार करने के लिए मेहनत जारी रखी।
इसी दौरान काजल ने इएसआईसी में नर्सिंग ऑफिसर की परीक्षा पास की। साथ ही, उन्होंने लखनऊ के एसजेपीजीआई में भी नर्सिंग ऑफिसर की परीक्षा सफलतापूर्वक उत्तीर्ण की, जिसकी जॉइनिंग 30 मार्च को होने वाली है। इसके अलावा, उन्होंने एम्स ऋषिकेश में नर्सिंग ऑफिसर की परीक्षा पास करके सबको हैरान कर दिया और अपने सपनों को सच करते हुए इस पद पर नियुक्ति भी हासिल कर ली।
काजल ने अपनी शुरुआती शिक्षा नाहन के आर्मी स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने डा. वाईएस परमार स्नातकोत्तर महाविद्यालय में पढ़ाई की, और इसी दौरान उनका चयन एम्स नर्सिंग भुवनेश्वर, ओडिशा के लिए हो गया। वहां से उन्होंने चार साल की बीएससी ऑनर्स की डिग्री हासिल की। काजल का कहना है कि अगर कोई स्कूल और कॉलेज में दी जाने वाली पढ़ाई को मन लगाकर करे और घर पर उसका अभ्यास करे, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।
काजल चौधरी ने बताया कि उनके पिता राकम सिंह निजी क्षेत्र में कार्यरत हैं, जबकि उनकी माता राज देवी हिमाचल पुलिस में अपनी सेवाएं दे रही हैं। उनके भाई पंकज चौधरी एक बैंक में सहायक प्रबंधक के पद पर कार्य कर रहे हैं। काजल ने कहा कि उन्हें यह प्रेरणा अपने नाना से मिली, जो सेना से सेवानिवृत्त हुए थे, और उनके माता-पिता ने हर कदम पर उनका पूरा साथ दिया। उन्होंने अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता, भाई, शिक्षकों और ममेरे भाई सुमित को दिया। काजल ने यह सफलता बिना किसी कोचिंग के, केवल आत्म-अध्ययन के बल पर हासिल की है।