सोलन: जिला के ऐतिहासिक कसौली क्लब में तीन दिवसीय खुशवंत सिंह लिट् फेस्ट शुक्रवार को शुरू हुआ। हर बार ये फेस्ट नए थीम के साथ आता है इस बार का थीम है … ‘रेसीलेंस एंड रिन्यूऐबल’ है जो हमारे समय के साथ गहराई से जुड़ता है।
देश-विदेश के इनोवेटिव राइटर्स इस फेस्ट में भाग लेने के लिए कसौली पहुंचे। इस फेस्ट में इसमें लेखन, कला, फिल्म, साहित्य से जुड़े लोग शिरकत कर फेस्ट में चार चांद लगाते हैं। सदी के महान लेखक खुशवंत सिंह से जुड़ी तमाम यादें देश-विदेश से आए लेखक व साहित्यकार मंच से साझा करेंगे। लिट फेस्ट के पहले दिन प्रात: 10 बजे से पहला सत्र आरंभ हुआ । इस दौरान लिट्फेस्ट में भाग लेने आए सभी अतिथियों का आयोजक खुशवंत सिंह के बेटे राहुल सिंह स्वागत किया।
उद्घाटन के बाद मुख्य वक्ता रहे एक प्रसिद्ध इतिहासकार और बेस्टसेलिंग लेखक, भारत के इतिहास और विरासत पर अपनी मजबूत पकड़ रखने वाले विलियम डेयरीम्पल। उन्होंने अपनी पुस्तक द गोल्डन रोड, पर चर्चा की। उनका दृष्टिकोण एक नया लेंस प्रदान किया, जिसके माध्यम से हम अपने साझा इतिहास को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं।
इसके अलावा पहले दिन एल. सुब्रमन्यम और नमिता देवीदयाल के बीच गोल्डन मेलोडी पर चर्चा की। इसके बाद प्रहलाद कक्कड़ के जिंग-थिंग पर फिरोज गुजराल से चर्चा की। तस्नीम जाकरिया मेहता व जेनिता सिंह ए म्यूजियम एंड एन आर्टिस्ट पर वीरांगना सोलंकी चर्चा की।
तस्नीम जक़ारिया मेहता और जनीता सिंह “एक संग्रहालय और एक कलाकार” पर बातचीत की। वार्ताकार वीरांगना सोलंकी यह चर्चा कला और उसके पर्यावरण के बीच गतिशील संबंधों पर चर्चा की।
विचारोत्तेजक सत्र में वक्ता इयान कार्डोजो और प्रबल दासगुप्ता के साथ “करेज अंडर फायर: टेल्स ऑफ वेलोर एंड एडवेंचर” पर गंभीर चर्चा हुई। इसमें वार्ताकार मनराज ग्रेवाल रही।
वक्ता अनिंद्यो रॉय के साथ “एडवर्ड लीयर: एक और समय, एक और जगह” पर वार्ताकार गार्गी रावत के साथ बातचीत की। यह सत्र एडवर्ड लीयर के भारत से दिलचस्प और अक्सर अज्ञात संबंधों को उजागर किया।