सोलन: हिमाचल प्रदेश में शायद ऐसा पहली बार होगा, जब एक साथ पूरा स्कूल ही नाटी डालता नजर आया हो। हम बात कर रहे हैं सोलन के साथ लगते सीनियर सेकंडरी स्कूल कोठी देवरा की। इस स्कूल में आजकल सोलन जिला की विशुद्ध संस्कृति के संरक्षण पर प्रशिक्षण कार्यशाला चल रही है। इसमें नर्सरी कक्षा से लेकर जमा दो तक के बच्चे एक साथ नाटी करते नजर आते हैं। कैंपस छोटा होने के कारण जीरो पीरियड में 45 मिनट प्राइमरी और 45 मिनट छटी से जमा दो के बच्चे नाटी करते नजर आते हैं।
विलुप्त हो रही सोलन जिला की विशुद्ध लोक संस्कृति के संरक्षण की दिशा में कार्य करने वाली सोलन की सरगम कलामंच संस्था आगे आई है। संस्था स्कूली बच्चों के लिए सात-सात दिन की प्रशिक्षण कार्यशालाओं के माध्यम से बच्चों को अपनी समृद्ध पारंपरिक लोकसंस्कृति के विभिन्न आयामों से रूबरू करवा रही है। यह कार्य सोलन के प्रसिद्ध लोक कलाकार व सरगम कलामंच के अध्यक्ष जिया लाल ठाकुर की देखरेख में किया जा रहा है। सोलन के साथ लगते सीनियर सेकंडरी स्कूल कोठी देवरा के पहली कक्षा से जमा दो कक्षा के बच्चे सोलन की लोक संस्कृति, लोक गायन व लोक वादन की तालिम ले रहे है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 300 से अधिक स्कूली बच्चे इस प्रशिक्षण कार्यशाला में भाग ले रहे हैं।
लोक कलाकार जिया लाल ठाकुर ने बताया कि सोलन जिला की लुप्त हो रही विशुद्ध संस्कृति का बच्चों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि हमारी समृद्ध संस्कृति का ज्ञान हमारी युवा पीढ़ी को भी हो। ठाकुर ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यशाला में छंदों पर अधारित डंगे की शैली, ताल व उनकी जातियां, नौगत ताल की जातियां व उनके छंद, सम, विषम, अतीत ग्रह की रचनाएं की जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा बच्चों को एकल,युगल, सामूहिक गायन, वादन की विधाएं भी सिखाई जा रही है। इस कार्य में मंच के राजीव ठाकुर, कार्तिक, ललिता, शालू, ललित कुमार व भरत शर्मा बच्चों को प्रशिक्षण दे रहे है।
कोठी देवरा सीनियर सेकंडरी स्कूल के प्रिंसिपल शिव प्रभाकर ने बताया कि यह ऐसा स्कूल है, जिसमें नर्सरी से लेकर जमा दो तक के बच्चे एक ही कैंपस में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके स्कूल में सरगम कलामंच की ओर से बच्चों को पारंपरिक लोकगीतों, नृत्य, गायन व वादन पर सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है। इसमें प्राइमरी स्कूल के करीब 150 और सीनियर सेकंडरी स्कूल के 195 बच्चे नाटी व गायन का प्रशिक्षण ले रहे हैं। प्रतिदिन सरगम कलामंच की टीम जीरो पीरियड में स्कूली बच्चों को यह प्रशिक्षण दे रही है। यह एक अभिनव प्रयास है, जिसमें पूरा स्कूल एक साथ नाटी सीख रहा है।