कांगड़ा भूकंप त्रासदी की याद में आयोजित हुए जागरूकता कार्यक्रम एवं मोक अभ्यास

नाहन; आज से 120 साल पहले 4 अप्रैल 1905 को प्रातः कांगड़ा एवं इसके आसपास के क्षेत्रों में रिक्टर पैमाना 7.8 तीव्रता के विनाशकारी ने भयंकर तबाही मचाई थी। इस तबाही द्वारा लगभग 20,000 मानवीय जीवन, 50,000 मवेशी व 1,00,000 के लगभग मकान ध्वस्त हो गए थे। इस तबाही में मुख्य रूप से धर्मशाला, पालमपुर बाजार, माता ब्रजेश्वरी मंदिर एवं कांगड़ा बाजार आदि स्थानों पर अधिक तबाही देखने को मिली थी।

अतः इसके मध्य नजर प्रतिवर्ष हिमाचल प्रदेश में 4 अप्रैल को जनता को जागरूक करने हेतु विभिन्न प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम व भूकंप पर मोक अभ्यास आयोजित किए जाते हैं, ताकि इस तरह की भयानक आपदा दोबारा आने पर जान एवं माल के नुकसान को काम किया जा सके।

kangra earthquike

इसी संदर्भ में जिला प्रशासन, सिरमौर के जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण प्रकोष्ठ-नाहन द्वारा समस्त-उपमंडल स्तरों पर आज भूकंप के ऊपर जागरूकता हेतु विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों एवं मोक अभ्यास का आयोजन किया जा रहा है।

इसके अतिरिक्त विभिन्न स्कूलों, सामुदायिक केंद्रो, एन. जी. ओ., अन्य शैक्षणिक संस्थानों, गृह रक्षक बल, अग्निशमन विभाग द्वारा अधिक से अधिक लोगों को 4 अप्रैल 1905 की त्रासदी से सीख लेने एवं जागरूकता के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है ताकि जिला को इस तरह की आपदा से भविष्य में सुरक्षित एवं तैयार किया जा सके।

इस तरह के जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रमों से स्थानीय लोगों में क्षमता निर्माण एवं सुरक्षित योजना की विधियां विकसित होती हैं जिससे कि किसी भी प्रकार की आपदा से स्वयं एवं स्थानीय समुदाय को बचाया जा सके।