नाहन : हिमाचल प्रदेश में सरकार ने जमीन की ई-केवाईसी प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसके तहत पटवारियों को इस कार्य का जिम्मा सौंपा गया है। इसी कड़ी में मियां मंदिर पटवारखाने के पटवारी संजीव चौधरी और उनके सहायक अशोक ने आज बाजार में दुकानों में जाकर लोगों की ई-केवाईसी की। उन्होंने बताया कि आज उन्होंने लगभग 30 ई-केवाईसी प्रक्रियाएं पूरी की हैं। इस प्रक्रिया को निरंतर जारी रखने के लिए शहर के विभिन्न हिस्सों में विशेष कैंप भी आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने आम जनता से अनुरोध किया है कि वे जल्द से जल्द अपनी ई-केवाईसी करवा लें।
सरकार का मानना है कि इस पहल से बेनामी सौदों पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। जमीन की ई-केवाईसी से बैंकों से ऋण लेना आसान हो जाएगा और पीएम किसान योजना का लाभ लेने के लिए इसे अनिवार्य करने की योजना बनाई जा रही है।
ई-केवाईसी प्रक्रिया के तहत प्रत्येक जमीन धारक को एक यूनीक लैंड आईडी दी जाएगी, जिसमें उसकी अचल संपत्ति का पूरा विवरण होगा। किसानों को ई-केवाईसी के लिए जमाबंदी की नकल, आधार कार्ड, मोबाइल नंबर और अन्य आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद जमीन के वास्तविक मालिक का पता आसानी से लगाया जा सकेगा।
आधार से लिंक होने के बाद जमीन से जुड़ी सभी गतिविधियों की जानकारी मोबाइल पर प्राप्त होगी। इसके अलावा, जमाबंदी में जमीन की किस्म में किसी भी प्रकार के बदलाव की जानकारी भी एसएमएस अलर्ट के माध्यम से दी जाएगी। सरकार की इस पहल से भूमि प्रबंधन में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ेगी।