नाहन : मिड-डे मील वर्करों की मांगों और समस्याओं को लेकर सीटू नाहन ब्लॉक की एक बैठक ब्लॉक अध्यक्ष संदीप की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में जिला महासचिव निर्मला और सीटू जिला महासचिव आशीष कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। नाहन ब्लॉक से करीब तीन दर्जन वर्करों ने बैठक में भाग लिया। बैठक में मिड-डे मील वर्करों को स्थायी कर्मचारी का दर्जा देने, न्यूनतम वेतन सुनिश्चित करने, 12 महीने का वेतन देने और नियमित भुगतान की मांग को प्राथमिकता दी गई। वर्करों ने यह भी कहा कि उन्हें न्यायालय द्वारा दिए गए 12 महीने के वेतन का आदेश अभी तक लागू नहीं किया गया है। इसके अलावा, उन्होंने मिड-डे मील योजना में किसी भी प्रकार के निजीकरण और केंद्रीय किचन प्रणाली लागू करने का कड़ा विरोध किया।
बैठक में केंद्र और राज्य सरकारों की नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा गया कि मिड-डे मील वर्करों को सबसे कम वेतन मिलता है, जो समय पर भी नहीं दिया जाता। यह मुद्दा उठाया गया कि 2013 के 45वें श्रम सम्मेलन में किए गए वादे, जिसमें वर्करों को स्थायी करने की बात कही गई थी, आज भी कागजों तक सीमित हैं। आशीष कुमार ने केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि महिला सशक्तिकरण की बात करने वाली सरकारें इस वर्ग को लगातार नजरअंदाज कर रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की यह नीति मिड-डे मील वर्करों के शोषण को दर्शाती है।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 3 दिसंबर को दिल्ली में आयोजित रैली में जिला सिरमौर के वर्कर सीटू के बैनर तले शामिल होंगे। रैली में वर्करों की स्थायी नौकरी, सामाजिक सुरक्षा लाभ, और न्यूनतम वेतन सहित अन्य प्रमुख मांगों को उठाया जाएगा। वर्करों ने एकजुट होकर संघर्ष करने और अपने अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करने का संकल्प लिया।